वृन्दावनवासी प्रेमानन्द जी महाराज को कौन नहीं जानता? उनके भजन और सत्संग सुनने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं। महाराज जी कीर्तन में आने वाले भक्तों को सांसारिक दुखों से दूर रहकर भगवान का चिंतन करने की सलाह देते हैं। वहीं, अगर कोई व्यक्ति सांसारिक जीवन से जुड़ी किसी दुविधा में फंसा है तो महाराज उसका समाधान भी करते हैं। कई बार भक्त उनके सामने अपनी समस्याएं रखते हैं और महाराज जी सभी भक्तों को उस समस्या का समाधान कैसे करना है बताते हैं। ऐसे ही एक भक्त ने जब महाराज जी से पूछा कि गुरु जी सांसारिक ऋण से मुक्ति कैसे पाई जाए तो भक्त का प्रश्न सुनने के बाद महाराज जी ने सांसारिक ऋण से मुक्ति पाने का एक ऐसा उपाय बताया जिसके बारे में हर व्यक्ति को जानना चाहिए।
भगवान का चिंतन है जरूरी
महाराज जी के सत्संग में एक महिला गुरु जी से पूछती है कि क्या ईश्वर का चिंतन करने से सांसारिक ऋणों से मुक्ति मिल जाती है? इस सवाल के जवाब में प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं ‘हां’। महाराज जी कहते हैं कि, ‘हमारा पहला कर्तव्य हैं संसार का चिंतन छोड़ना, असत्य के बारे में सोचना छोड़ देना, नकारात्मक के बारे में सोचना छोड़ देना। ये करने के लिए चिंतन से चिंतन छोड़ना होगा। ये करने के लिए भगवान का चिंतन करना शुरू करना होगा। जो भी भगवान आपको प्यारा है उस भगवान का समरण करना शुरू करो।’
सांसरिक चिंतन छोड़ने से मिलता है सुख
प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि वही व्यक्ति सुखी रहता है जो सांसारिक चिंतन छोड़ देता है। उनका कहना है कि जब हम नींद में होते हैं तो हमें संसार का कोई ज्ञान नहीं होता, इसीलिए जब हम जागते हैं तो हमें खुशी महसूस होती है। इसी प्रकार जब कोई जाग्रत अवस्था में संसार का विचार छोड़कर ईश्वर में लीन हो जाता है तो उसे समाधि कहते हैं। महाराज जी के अनुसार संसार के प्रति जितना चिंतन कम होता जाता है, उसे उतना ही भगवत्मार्ग की प्राप्ति होती है।
कैसे करें भगवान का चिंतन
प्रेमानंद महाराज आगे कहते हैं कि भगवान के बारे में सोचने के लिए हमें सिर्फ भगवान का नाम जपना होगा। हमें तो उठते-बैठते, सोते-जागते बस भगवान का नाम ही जपना है। कोई भी काम करने से पहले भगवान का नाम लें। नाम जपने से ही सब काम हो जायेंगे। ऐसा करने से धीरे-धीरे आप दुनिया के बारे में सोचना बंद कर देंगे और भगवान की भक्ति में लीन होने लगेंगे। महाराज जी कहते हैं कि केवल नाम जपने से ही आप ईश्वर के इतने करीब आ जायेंगे जितना किसी भी साधना से नहीं पा सकेंगे। बस दिन के 12 घंटे भगवान का नाम लें। इस प्रकार नाम जपने मात्र से ही व्यक्ति सांसारिक ऋण से मुक्त हो जाता है।