साल 2021 का पहला चंद्र ग्रहण बुधवार 26 मई को लगने जा रहा है। ये ग्रहण वैशाख मास के शुक्त पक्ष की पूर्णिमा तिथि को लगने जा रहा है। बड़ी बात ये है कि ये पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, लेकिन भारत में एक उपछाया चंद्र ग्रहण के रूप में दिखेगा। भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम 7 बजकर 19 तक रहेगा।
इन देशों में दिखेगा चंद्र ग्रहण
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक पूर्ण रूप से चंद्र ग्रहण उत्तर अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका, प्रशांत महासागर और हिंद महासागर में पूर्ण रूप से नजर आएगा।
भारत की इन जगहों पर दिखेगा उपछाया चंद्र ग्रहण
वहीं बात अगर भारत की करें तो IMD के मुताबिक सिक्कम को छोड़कर देश के पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों में ये चंद्र ग्रहण आंशिक रूप से दिखाई देगा। पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों, ओडिशा के कुछ तटीय हिस्सों और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह से कुछ समय के लिए ये चंद्र ग्रहण दिखाई देगा।
ग्रहण का आंशिक चरण दोपहर 3 बजकर 15 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 23 मिनट पर खत्म होगा। वहीं पूर्ण चरण शाम 4 बजकर 39 मिनट से शुरू होगा और 4 बजकर 58 मिनट तक रहेगा।
IMD के अनुसार ग्रहण को पोर्ट ब्लेयर से शाम 5 बजकर 38 मिनट से 45 मिनट तक के लिए देखा जा सकेगा। ये भारत में ग्रहण का सर्वाधिक समय होगा। इसके अलावा ये पुरी और मालदा से शाम 6 बजकर 21 मिनट से केवल 2 ही मिनटों के लिए देखा जा सकेगा।
नहीं मान्य होगा सूतक काल
चूंकि भारत में चंद्र ग्रहण उपछाया के रूप में दिखेगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस दौरान मंदिरों के कपाट नहीं बंद होंगे। साथ में शुभ कामों पर भी रोक नहीं रहेगी। बता दें कि ग्रहण से पहले चंद्रमा पृथ्वी की परछाई में प्रवेश करता है जिसे उपछाया कहते हैं। उपछाया को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता। इस ग्रहण के दौरान चंद्रमा के रंग और आकार में भी बदलाव नहीं होता। हालांकि चंद्रमा पर इसकी एक धुंधली सी छाया नजर आती है।
रेड ब्लड सूपरमून के क्या है मायने?
इस चंद्र ग्रहण को काफी खास इसलिए माना जा रहा क्योंकि ये रेड ब्लड सुपरमून होगा। ये सुपरमून होगा, ग्रहण होगा और साथ में खूनी लाल रंग का होगा।
जब पृथ्वी का चक्कर काटते काटते चांद उसके काफी नजदीक आ जाता है, तो उसे सुपरमून कहा जाता है। चांद के पृथ्वी के नजदीक आने की वजह से ये बड़ा और चमकीला दिखता है।
इसके अलावा जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लें, तो अंधेरा छा जाता है। इस पर सूरज की रोशनी नहीं पड़ती। कभी चांद पूरी तरह से काले रंग का नहीं दिखता, इसलिए ये लाल रंग का दिखने लगता है।
ग्रहण के दौरान चांद के लाल दिखने की वजह भी आपको बता देते हैं। दरअसल, सूरज की रोशनी में हर तरह के विजिबल रंग होते हैं। धरती के वायुमंडल में मौजूद गैस इसे नीले रंग का दिखाती है। लाल रंग की वेवलेंथ इसे पार कर लेती है। इस वजह से आसमान नीला और सूर्योदय-सूर्यास्त के दौरान लाल रंग का नजर आता है। चंद्र ग्रहण के दौरान भी ऐसा ही होता है।
इस साल और कितने ग्रहण दिखेंगे
पहला चंद्र ग्रहण- 26 मई 2021
दूसरी चंद्र ग्रहण- 19 नवंबर 2021
पहला सूर्य ग्रहण- 10 जून 2021
दूसरा सूर्य ग्रहण- 4 दिसंबर 2021