केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों का जमकर विरोध हो रहा है। दिल्ली के बॉर्डरों पर किसान लगभग 3 महीनें से इस कानून का विरोध कर रहे हैं। समय के साथ किसान आंदोलन और वृहद स्वरुप लेता जा रहा है।
केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच 11 दौरे की बातचीत हो चुकी है लेकिन अभी तक किसी भी तरह का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। इन दिनों देश के कई राज्यों में लगातार महापंचायत हो रही है और इस कानून के मद्देनजर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया जा रहा है।
इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के हरियाणा प्रमुख गुरुनाम सिंह चढूनी का बयान सामने आया है। जिसमें उन्होंने पुलिस का घेराव करने की बात कही है।
बीते दिन शुक्रवार को कहा एक वीडियो संदेश के जरिए किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी ने यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली पुलिस के कर्मी अगर छापेमारी करते हैं और किसी को पकड़ने आते हैं तो उनका घेराव किया जाना चाहिए, वहां बैठाया जाना चाहिए और पूरे गांव व आसपड़ोस को सूचित किया जाना चाहिए।‘
चढूनी ने कहा, ‘उन्हें तब तक नहीं छोड़ा जाना चाहिए जब तक कि जिला प्रशासन यह आश्वासन नहीं देता कि दिल्ली पुलिस आपके गांव, जिले में फिर से प्रवेश नहीं करेगी।‘
‘दिल्ली पुलिस किसी को गिरफ्तार करने आए तो घेराव करें…’बोले किसान नेता गुरुनाम सिंह चढूनी#DelhiPolice #GURU #Chandigarh #KisanAndolan #GurnamSinghChaduni #FarmersProstests #MSP_किसान_का_हक@SinghCharuni @DelhiPolice @IndianFarmers_ @kisan_ekta_morc https://t.co/HskY0joRKz
— Nedrick News (@nedricknews) February 20, 2021
एक अन्य वीडियो संदेश में चढूनी ने कहा कि हरियाणा और पंजाब के किसान केंद्र के कृषि से जुड़े कानूनों से अवगत हैं। बाकी दूसरे राज्यों में महापंचायत करवाएं। पंजाब हरियाणा के लोग एक सिस्टम बनाए कि हर गांव से कुछ लोग आंदोलन में रहें। सरकार संगठन से ज्यादा डरती है, इसलिए गांव-गांव तक संगठन और कमिटियां बनाएं।
200 से ज्यादा किसानों की हो चुकी है मौत
बता दें, किसान करीब तीन महीनें से दिल्ली की बॉर्डरों पर आंदोलन कर रहे हैं। अभी तक 200 से ज्यादा किसानों के मौत की खबर भी सामने आई है। विपक्षी पार्टियों ने किसान आंदोलन को खुला समर्थन दे रखा है और इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर है।
किसान नेताओं ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक केंद्र सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती और एमएसपी पर कानून नहीं बनाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। किसान संगठनों ने बीते दिनों चार घंटे तक रेल रोको अभियान चलाकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध जताया था।