वृन्दावन के श्रीहित प्रेमानन्द महाराज जी के बारे में कौन नहीं जानता? देश-दुनिया में मशहूर प्रेमानंद महाराज वृन्दावन में रहकर सिर्फ कृष्ण नाम का जाप करते हैं और भक्ति का उपदेश देते हैं। प्रेम मंदिर के बाद वृन्दावन में सबसे ज्यादा भीड़ प्रेमानंद महाराज के दर्शन के लिए आती है। उनके अच्छे विचारों से लोग काफी प्रेरित हो रहे हैं। परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी, श्री हित प्रेमानंद ने नौवीं कक्षा में ही तय कर लिया था कि वह आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने 13 साल की उम्र में अपनी मां को यह कहकर घर छोड़ दिया कि वह जा रहे हैं और ब्रह्मचर्य का पालन करने लगे। वर्तमान में महाराज जी वृन्दावन में रहते हैं और अपने पास आने वाले भक्तों को जीवन में सही मार्ग पर चलने की शिक्षा देते हैं। हाल ही में प्रेमानन्द महाराज जी ने लव मैरेज को लेकर एक प्रवचन दिया है। आइए जानते हैं की लव मैरिज को लेकर प्रेमानंद जी महाराज ने क्या कहा।
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लव मैरिज पर प्रेमानंद जी महाराज के विचार
महाराज जी कहते हैं कि प्रेम विवाह का यह कॉन्सेप्ट पिछले 30 से 40 सालों में आया है। यह कॉन्सेप्ट तब से चलन में आया है जब से ये मोबाइल आया हैं। आजकल लोग प्यार करते हैं, फिर बोर हो जाते हैं और फिर किसी और से प्यार करने लगते हैं। आजकल के बच्चे भी अपने माता-पिता की अवज्ञा करते हैं और उनकी बात नहीं मानते। इन बच्चों को प्यार का सही मतलब नहीं पता। ये बच्चे आज प्यार करते हैं और फिर इनका मन कहीं और भटकने लगता है। अगर इन लोगों को एक जगह रखा जाए और कहा जाए कि पूरी जिंदगी साथ बिताओ तो ये एक पल भी साथ नहीं रह सकते क्योंकि इनका चरित्र ऐसा हो गया है। इन्हें एक जगह रहने की आदत नहीं है, आज इनका मन कहीं और होता है तो कल कहीं और। महाराज जी कहते हैं कि ऐसा प्यार किसी काम का नहीं है और ये प्यार ही नहीं है। प्यार के जाल में फंसकर ये लोग शादी कर लेते हैं और फिर या तो एक-दूसरे को धोखा देते हैं या एक-दूसरे को मार देते हैं। यही वजह है कि इन दिनों देश में इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं।
महाराज कहते हैं कि वे प्रेम या प्रेम विवाह के खिलाफ नहीं हैं। उनके अनुसार दोस्ती और प्रेम गलत चीजें नहीं हैं। लेकिन अगर प्रेम है तो उससे जुड़े रहना चाहिए और सोचना चाहिए कि यह मेरा प्रेम है और मैं इसी के साथ जीवन भर रहूंगा/रहूँगी और किसी और की तरफ देखूंगा भी नहीं। अगर आप ऐसे ही प्रेम करते हैं तो क्या दिक्कत है लेकिन जब प्रेम में धोखा हो और किसी और के प्रति आकर्षण हो तो वह प्रेम नहीं है।
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