भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक दिवाली (Diwali Festival) आने में बस कुछ ही घंटे शेष रह गए हैं। हर साल दिवाली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या (Amavasya) तिथि को मनाई जाती है। कहा जाता है कि 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम (Lord Ram), लक्ष्मण और सीता जी दिवाली के दिन अयोध्या लौटे थे। तब अयोध्यावासियों ने उनका स्वागत किया, घर को सजाया, रंगोली बनाई और दीप जलाए। तब से दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है। दिवाली पर घर, दुकान, ऑफिस आदि में लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त अलग-अलग होता है। आगे जानिए दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त…
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दीपावली पर इन भगवानों की होती है पूजा
दिवाली पर देवी लक्ष्मी के साथ गणेश, कुबेर, सरस्वती और काली की भी पूजा की जाती है। देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए लोग न केवल अपने घरों में बल्कि अपनी दुकानों और कारखानों में भी पूजा करते हैं। आइए जानते हैं 2024 में दिवाली पूजा का समय और विधि क्या रहेगी।
दीपावली पूजा के लिए जरूरी सामग्री
कुमकुम, अष्टगंध, अक्षत, मौली, पूजा चौकी, लाल कपड़ा, चंदन, देवी लक्ष्मी और गणेश की मूर्ति या चित्र, पान के पत्ते, जनेऊ, दूर्वा, कपूर, सुपारी, पंचामृत, हल्दी, नारियल, गंगाजल, कमलगट्टे, रुई की बत्ती, लाल धागा, फूल, बताशा, स्याही, स्याही का बर्तन, फल, पुष्प, कलश, आम के पत्ते, दान सामग्री, धूपबत्ती, दो बड़े दीपक, प्रसाद के लिए गेहूं के लड्डू।
कब मनाया जाएगा दिवाली का त्योहार?- Diwali Festival Date
हिंदू धर्म में उदयातिथि पर पूजा करना वैध है, लेकिन प्रदोषव्यापिनी अमावस्या वह दिन है जिस दिन दिवाली की पूजा हमेशा की जाती है। इसका उदयातिथि से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इस साल दिवाली का उत्सव धर्म और शास्त्र के अनुसार गुरुवार, 31 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त (Diwali Puja Muhurat)
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त 31 अक्टूबर को शाम 6:27 बजे से शुरू होकर रात 8:32 बजे तक रहेगा। वहीं, दिवाली पर पूजा का निशिता मुहूर्त रात 11:39 बजे से शुरू होकर रात 12:31 बजे तक रहेगा।
प्रदोष काल-17: 35 से 20:11 तक
वृषभ काल-18: 21से 20:17 तक
ऑफिस, दुकान और कारखानों के लिए दिवाली 2024 लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
दिवाली के मौके पर लोग अपने दफ्तरों, दुकानों और कारखानों में भी लक्ष्मी पूजन करते हैं। गुरुवार, 31 अक्टूबर को इन जगहों पर पूजन के लिए 2 शुभ मुहूर्त हैं। इनमें से दूसरा है निशिथकाल मुहूर्त, जो लक्ष्मी की स्थिरता के लिए सबसे अच्छा माना जाता है-
शाम 07:15 बजे से 08:45 बजे तक
सुबह 01:15 बजे से 03:27 बजे तक
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