मंगलवार 13 अप्रैल से नवरात्र का पवित्र त्योहार शुरू होने जा रहा है। 6-6 महीने के अंतर तक साल में दो बार नवरात्र का त्योहार आता है। कार्तिक मास में पड़ने वाली नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहते है। वहीं चैत्र मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा में शुरू होने वाले नवरात्र को चैत्र नवरात्र कहा जाता है।
13 से 21 अप्रैल तक चैत्र नवरात्र का त्योहार मनाया जाएगा। इस दौरान दुर्गा मां के नौ स्वरूप की पूजा उनके भक्त करते हैं। कई लोग व्रत रखकर भी माता को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
नवरात्र की पूजा में वैसे तो कई बातें हैं, जिनका खास ध्यान रखना होता है। नवरात्र की पूजा में फूलों का भी काफी विशेष महत्व होता है। हर देवी देवता को खास तरीके के फूल पसंद होते हैं। नवरात्र में भी मां को ऐसे कुछ फूल होते हैं, जो मां को काफी प्रिय होते हैं। जिन्हें भक्तों को उन्हें प्रसन्न करने के लिए चढ़ाना चाहिए। वहीं कुछ फूल ऐसे भी होते हैं, जिनको देवी मां बिल्कुल पसंद नहीं करती।
नहीं चढ़ाने चाहिए ऐसे फूल
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, वो फूल जो अपवित्र स्थानों पर उगते हैं, जिनकी पंखुड़ियों बिखरी होती हैं, तेज गंध वाले फूल, सूंघे हुए फूल या फिर जमीन पर गिरे हुए फूल..ये सभी देवी मां को पसंद नहीं आते। इसलिए ऐसे फूलों को चढ़ाने से मां नाराज भी हो सकती हैं।
वहीं अब बात करते हैं उन फूलों की जो मां दुर्गा को पसंद होते हैं। नवरात्र के 9 दिन मां दुर्गा को 9 अलग अलग तरह के फूल चढ़ाकर, भक्त उनको प्रसन्न करने की कोशिश कर सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कि नवरात्र के किस दिन कौन-से दिन फूल चढ़ाने चाहिए…
पहला दिन- नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री रूप की पूजा की जाती है। मां को इस दिन गुड़हल का फूल या सफेद कनेर के फूल चढ़ा सकते हैं।
दूसरा दिन- नवरात्र के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी का है। इस दिन गुलदाउदी का फूल और वटवृक्ष के फूल में से आप किसी को चढ़ा सकते हैं।
तीसरा दिन- नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा होती है। आप मां दुर्गा को तीसरे दिन कमल का फूल और शंखपुष्पी का फूल चढ़ा सकते हैं।
चौथे दिन- मां दुर्गा का चौथा स्वरूप कुष्मांडा देवी का होती है। आप इस दिन चमेली का फूल या पीले रंग का कोई भी फूल चढ़ाकर मां को प्रसन्न करने की कोशिश कर सकते हैं।
पांचवां दिन- नवरात्र के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। इनको भी पीले रंग के फूल ही काफी पसंद होते हैं। इन फूलों को चढ़ाने से मां प्रसन्न होती हैं।
छठा दिन- मां का छठा स्वरूप कात्यायनी देवी का है। इनको गेंदे के फूल और बेर के पेड़ का फूल प्रिय होता है।
सांतवां दिन- मां दुर्गा के कालरात्रि रूप की पूजा नवरात्र के सातों दिन होती है। माता को नीले रंग का कृष्ण कमल का फूल सबसे ज्यादा पसंद होता है।
आठवां दिन- नवरात्र के आठनें दिन महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। इनको मोगरे का फूल सबसे प्रिय है और ये फूल चढ़ाने से देवी मां प्रसन्न होती हैं।
नौवां दिन- देवी मां का नौवां स्वरूप मां सिद्धिदात्री का है। इन दिन आप मां को प्रसन्न करने के लिए चंपा और गुड़हल चढ़ा सकते हैं।