Dharma Sansad Sanatan Board: 27 जनवरी 2025 को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान आयोजित धर्म संसद में सनातन धर्म के संरक्षण और प्रबंधन के लिए ‘सनातन बोर्ड’ बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया। इस आयोजन में देशभर के साधु-संतों ने भाग लिया और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि, 13 अखाड़े और सभी चार शंकराचार्य इस धर्म संसद में शामिल नहीं हुए, फिर भी इसे सनातन धर्म के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
सनातन बोर्ड का प्रस्ताव और उद्देश्य- Dharma Sansad Sanatan Board
धर्म संसद में आध्यात्मिक नेता स्वामी देवकीनंदन ठाकुर ने सनातन बोर्ड का प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा, “हमने सनातनी हिंदू बोर्ड अधिनियम के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे यहां मौजूद सभी धार्मिक नेताओं ने स्वीकृति दी है। इस प्रस्ताव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास भेजा जाएगा, ताकि हिंदुओं के लिए एक स्वतंत्र और प्रभावी बोर्ड बनाया जा सके।”
#WATCH | Prayagraj, UP | At Sanatana Dharma Sansad in Maha Kumbh, Spiritual leader Devkinandan Thakur says, “We have prepared a proposal for the Sanatani Hindu Board Act, and all religious leaders present here have agreed to it… We will send this Constitution to the Government… pic.twitter.com/ypXRFBJDQx
— ANI (@ANI) January 27, 2025
सनातन बोर्ड का उद्देश्य देशभर के मंदिरों, गुरुकुलों और गौशालाओं के प्रबंधन को स्वतंत्र और पारदर्शी बनाना है। इसे हिंदू अधिनियम 2025 के तहत कानूनी मान्यता दिलाने का प्रयास किया जाएगा।
धर्म संसद में उठाए गए प्रमुख मुद्दे
- सनातन बोर्ड का गठन: यह बोर्ड हिंदुओं के धार्मिक अधिकारों, मंदिरों की संपत्ति और पूजा पद्धतियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।
- मंदिरों से सरकारी नियंत्रण हटाना: सरकार के नियंत्रण से मंदिरों को मुक्त कर स्वायत्तता प्रदान करना।
- गोशालाओं की स्थापना: हर बड़े मंदिर में गोशाला स्थापित करना।
- धर्मांतरण रोकने के प्रयास: गरीब हिंदू परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना, ताकि धर्मांतरण पर रोक लगाई जा सके।
- अंतरधार्मिक विवाह पर नियंत्रण: सनातन हिंदुओं के दूसरे धर्म में विवाह को रोकने के उपाय।
अभिनेता सुनील शेट्टी की भागीदारी
धर्म संसद में बॉलीवुड अभिनेता सुनील शेट्टी ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश जारी करते हुए इस आंदोलन में भाग लेने की अपील की। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में सनातन धर्म के संरक्षण के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है। इसका उद्देश्य हमारे मंदिरों, गौशालाओं और गुरुकुलों की रक्षा करना है। मैं सभी से आग्रह करता हूं कि इस आंदोलन में शामिल होकर इसे सफल बनाएं।”
सनातन बोर्ड की संरचना
सनातन बोर्ड को चार स्तरों में विभाजित किया जाएगा:
- केंद्रीय संरक्षक मंडल: इसमें चारों शंकराचार्य और अन्य प्रमुख धर्माचार्य शामिल होंगे।
- अध्यक्ष मंडल: इसमें 11 सदस्य होंगे, जिनमें शंकराचार्य, प्रमुख संत, और कथावाचक होंगे।
- सहयोगी मंडल: इसमें मंदिर, गौशाला और गुरुकुल प्रबंधन के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
- सलाहकार मंडल: इसमें रिटायर्ड जज, प्रशासनिक अधिकारी, और शिक्षाविद होंगे।
सनातन धर्म की नई दिशा
इस प्रस्ताव के पारित होने से सनातन धर्म को एक नई दिशा मिलने की उम्मीद है। इस बोर्ड के माध्यम से धार्मिक स्थलों और संस्थानों का प्रबंधन अधिक संगठित और सशक्त होगा। स्वामी देवकीनंदन ठाकुर और अन्य धर्माचार्यों का मानना है कि यह कदम सनातन धर्म के अनुयायियों को एकजुट करेगा और उनके अधिकारों की रक्षा करेगा।
धर्म संसद में पारित यह प्रस्ताव सनातन धर्म के संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर इस प्रस्ताव पर चर्चा की योजना बनाई गई है। इस ऐतिहासिक पहल ने सनातन धर्म को सशक्त बनाने और उसकी विरासत को संरक्षित रखने की दिशा में नई उम्मीद जगाई है।