Premanand Maharaj Ji Security lapse: वृंदावन में बुधवार सुबह प्रेमानंद महाराज जी की सुरक्षा में एक बड़ी चूक सामने आई है। घटना उस वक्त की है जब महाराज जी अपने काफिले के साथ वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर परिक्रमा कर रहे थे। इस दौरान लगभग 2:25 बजे हरियाणा नंबर की एक कार (गाड़ी नंबर: HR26BG6629) में सवार कुछ नशे में धुत युवकों ने उनके काफिले के पीछे हंगामा करना शुरू कर दिया।
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नशे में धुत युवकों ने किया हंगामा – Premanand Maharaj Ji Security lapse
घटना के बारे में जानकारी मिली है कि जैसे ही महाराज जी (Premanand Maharaj Ji) का काफिला वहां से आगे बढ़ा, इन नशे में धुत युवकों ने रिक्शे वाले से मारपीट की और पास में खड़ी जनता को भी परेशान किया। इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं और प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर किया है।
प्रेमानंद महाराज जी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई है। बुधवार सुबह लगभग 2:25 बजे, जब महाराज जी अपने काफिले के साथ वृंदावन के परिक्रमा मार्ग पर परिक्रमा कर रहे थे, तभी हरियाणा नंबर की एक कार में सवार कुछ नशे में धुत्त युवकों ने उनके काफिले के पीछे हंगामा शुरू कर दिया। जैसे ही… pic.twitter.com/8aadioQ2pS
— Nedrick News (@nedricknews) December 12, 2024
वृंदावन जैसे धार्मिक स्थल पर इस प्रकार की घटना का होना एक बड़ी चूक मानी जा रही है, खासकर जब यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि धार्मिक संतों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता हो। इस घटना के बाद प्रशासन से सख्त कार्रवाई की आवश्यकता जताई जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
प्रेमानंद महाराज जी की सुरक्षा में इस प्रकार की चूक से उनके अनुयायी और स्थानीय जनता में नाराजगी फैल गई है, और उन्होंने तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
स्वामी प्रेमानंद जी के बारे में अहम जानकारी
परम पूज्य प्रेमानंद महाराज जी श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर में सरसौल के अखरी गांव में हुआ था और उन्हें घर से ही संन्यास की शिक्षा मिली थी और इसी के चलते उन्होंने संन्यास भी ले लिया था। जब वे नौवीं कक्षा में पहुंचे तो उन्होंने तय कर लिया था कि अब वे आध्यात्मिक जीवन की ओर बढ़ेंगे, जो उन्हें ईश्वर तक ले जाएगा। उन्होंने अपनी मां को घर छोड़ने की बात बताते हुए 13 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और नैष्ठिक ब्रह्मचर्य का पालन करना शुरू कर दिया और तब वे आनंद स्वरूप ब्रह्मचारी के नाम से जाने गए।
संन्यास त्याग कर चुना भक्ति का मार्ग
मान्यता है कि वृंदावन आकर प्रेमानंद महाराज श्री चैतन्य महाप्रभु की लीलाओं का अवलोकन करते थे और रात में रासलीला भी देखते थे। इसके बाद उनके जीवन में बदलाव आया और उन्होंने संन्यास त्यागकर भक्ति का मार्ग चुना।
हर दिन 2 बजे करते हैं वृंदावन की परिक्रमा – How to meet Swami Premanand
प्रेमानंद जी महाराज वृन्दावन में आश्रम में रह रहे हैं। आप प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम में जाकर उनसे मिल सकते हैं। प्रेमानंद जी के दर्शन करने के लिए आप श्री हित राधा केली कुंज, वृन्दावन परिक्रमा मार्ग, वराह घाट, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश, वृन्दावन- 281121 पर जाकर महाराज जी के दर्शन कर सकते हैं।
प्रेमानंद जी महाराज से मिलने का सबसे अच्छा समय रात के 2 बजे का होता है जब महाराज जी वृंदावन की परिक्रमा शुरू करते हैं और इस दौरान लाखों भक्त उन्हें देखने के लिए सड़कों पर खड़े होते हैं और यही वह समय होता है जब प्रेमानंद जी महाराज से मुलाकात की जा सकती है।
देश-विदेश से वृंदावन आते हैं भक्त
महाराज प्रेमानंद जी के दर्शन के लिए देश-विदेश से उनके भक्त वृंदावन आते हैं और उन्होंने अपना जीवन राधा रानी की भक्ति सेवा में समर्पित कर दिया। प्रेमानंद जी वृंदावन वाले भारत के वृंदावन में स्थित एक आध्यात्मिक संगठन है। इस संगठन की स्थापना प्रेमानंद जी महाराज ने की थी और इसका उद्देश्य अपने विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से शांति और प्रेम का संदेश फैलाना है। यह लोगों को आंतरिक शांति और खुशी प्राप्त करने में मदद करने के लिए योग, ध्यान और अन्य आध्यात्मिक प्रथाओं पर मुफ्त कक्षाएं प्रदान करता है। आपको बता दें कि प्रेमानंद जी की दोनों किडनियां खराब हैं लेकिन इसके बावजूद वह स्वस्थ हैं।
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