हर साल माघ शुक्ल पंचमी के दिन बसंत पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। इसे सरस्वती पूजा के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इस दिन खासतौर पर विद्या और ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन को केवल भारत में ही नहीं बल्कि पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस बार 16 जनवरी को बसंत पंचमी हैं। आइए आपको बताते हैं शुभ मुहूर्त क्या है, कैसे मां सरस्वती की पूजा करें और क्यों खास है बसंत पंचमी खास?
बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त
सबसे पहले बात करते हैं बसंत पंचमी के शुभ मुहूर्त की। 16 फरवरी को सुबह 3 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि की शुरुआत होने जा रही है, जबकि इसका समापन 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर होगा। बसंत पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 16 फरवरी को सुबह 6 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा।
ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा
बसंत पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पीले या सफेद रंग के वस्त्र पहनने। इस रंग के वस्त्र पहनना काफी शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दिन आप सरस्वती का पाठ जरूर करें। ध्यान रहे कि पूजा के लिए आपको अपना मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर ही करके बैठना है। सरस्वती मां की पूजा दोपहर के समय की जाती है. पूजा के दौरान मां सरस्वती को पीले वस्त्र अर्पित करें। उनकी पूजा के लिए रोली, मौली, पीले या सफेद फूल, पीली मिठाई, हल्दी, केसर, अक्षत, मिश्री, दही इत्यादि चीजों का इस्तेमाल करें। साथ ही हल्दी की माला से मां सरस्वती के मूल मंत्र “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” का जाप करें। इस अवसर पर केसर मिश्रित खीर को भोग स्वरूप में सर्वोत्तम माना जाता है।
जानिए क्यों खास है बसंत पंचमी?
बसंत पंचमी को लेकर कई मान्यता है, ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। ये दिन शुभ कार्यों के लिए अबूझ मुहूर्त होता है। कई लोगों की इस दिन शादी भी होती है। बसंत पंचमी को मां सरस्वती के प्राकट्य दिवस के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन विद्यार्थी अपनी किताब-कॉपी और पढ़ने वाली चीजों की खासतौर पर पूजा करते हैं। विद्या की शुरुआत करने के लिए ये बेहद शुभ माना जाता है।