भारत में ऐसे कई मंदिर हैं जो रहस्यों से भरे हुए हैं. प्राचीन काल में कई ऐसे मंदिर है जहां पर अजीब अजीब घटनाएं होती रहती हैं जिसे देखकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते है. आज भी हम एक ऐसे मंदिर की बात करेंगे जहां पर बाघ और इंसान एक साथ टहलते दिखते हैं. ये मंदिर बैंकाक से 140 किमी दूर कंचनबरी में स्थित है. सबसे अमेजिंग बात ये है कि इंसान के इतना करीब रहने के बावजूद यहां टहलने वाले बाघ कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचते. इसका दृश्य इतना सुंदर होता है कि उसे देखने के लिए कोने कोने से पर्यटक आते हैं. आइये जानें कैसा है ये मंदिर..
ये है मान्यता
काफी पहले थाईलैंड में जानवरों की तस्करी होने लगी थी. जिसके बाद कंचनबरी के एक बौद्ध मंदिर ने जानवरों को बचाने के लिए मंदिर परिसर में वन्य जीवों को पालना शुरू कर दिया. साल 1999 में एक ग्रामीण ने मंदिर परिसर में बौद्ध भिक्षु को एक बाघ का छोटा सा बच्चा ला कर दिया. उसकी मां का कुछ लोगों ने शिकार कर दिया था. जिसके बाद धीरे धीरे गांव वाले बाघ के बच्चों को बचाकर मंदिर परिसर में लाये और उन सभी का बच्चों की तरह लालन पालन होने लगा.
बाघों के साथ खेलते हैं बौद्ध भिक्षु
बताया जाता है कि बौद्ध भिक्षु का इस कदर बाघों के साथ घुलना मिलना हो गया है कि वो उनके साथ खेलते हैं. उन्हें दोस्तों की भांति अपने पास बैठाकर खिलाते पिलाते हैं. ख़ास बात ये है कि ये बाघ भी किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाते. उन्हें शांति से रहने का पूरा प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके अलावा बाघ मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ भी खेलते हैं. उन्होंने कभी किसी को कोई नुकसान पहुंचाने की कोशिश तक नहीं की. इनकी गहरी दोस्ती की मिसालें पेश की जाती है. जिस वजह से इन्हें टाइगर टेंपल के नाम से जाना जाता है.