सोमवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तब हड़कंप मच गया, जब उन्नाव की एक महिला अचानक ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव की गाड़ी के आगे आ गई और आत्मदाह करने की कोशिश करने लगी। महिला का आरोप है कि सपा सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री रहे फतेहबहादुर सिंह के बेटे ने उनकी बेटी का अपहरण कर लिया।
हालांकि इस दौरान एसीपी हजरतगंज की टीम ने महिला को तुरंत रोक लिया और वो ऐसा नहीं कर सकी। महिला के आरोप है कि उन्नाव की सदर कोतवाली की पुलिस दबाव में आरोपियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही। 50 दिन बीत गए और महिला की बेटी का कुछ पता नहीं लगा।
उन्नाव की रहने वाली कांशीराम कॉलोनी की रहने वाली रीता देवी ने पहले सपा कार्यालय में शिकायती पत्र भी दिया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री फतेह बहादुर सिंह के बेटे राजोल सिंह उर्फ अरुण सिंह ने दोस्तों के साथ मिलकर बेटी को अगवा कर लिया। जिसको लेकर सदर कोतवाली की पुलिस ने FIR तो दर्ज कर ली लेकिन कार्रवाई नहीं की। महिला के आरोप लगाए कि पूर्व राज्यमंत्री का बेटा होने की वजह से पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इस संबंध में FIR दर्ज कराये 48 दिन हो गए हैं।
वहीं एसीपी हजरतगंज अखिलेश सिंह ने मामले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महिला की बेटी गायब होने के मामले की जांच CO सिटी उन्नाव कर रहे हैं।
इस बीच कार्रवाई ना होने से परेशान महिला सोमवार शाम को अचानक ही अखिलेश यादव के काफिले के आगे आ गई और आत्मदाह की कोशिश करने लगी। एसीपी की टीम ने तुरन्त ही उसे पकड़ लिया।