कुछ महीनों में उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को लेकर राजनीतिक पार्टियों की रैलियां, कार्यक्रम चल रहे है, जिसमें बड़ी संख्या में भीड़ भी जुटती हुई नजर आ रही है। वहीं इस बीच देश में कोरोना एक बार फिर से पैर पसारने लगा है। साउथ अफ्रीका में मिले कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर देश में एक बार फिर से डर का माहौल है। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह से तेजी से केस बढ़ते दिख रहे, उसको लेकर टेंशन बनी हुई है।
इसी साल बंगाल समेत कई राज्यों में हुए चुनावों के दौरान भी देश में कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई थी। इस दौरान देश ने कोरोना की बेहद ही खतरनाक दूसरी लहर का सामना किया। अब ऐसा दोबारा ना हो इसी वजह से जिन राज्यों में चुनाव होने है, उनको टालने की अपील करना भी शुरू हो गया है।
दरअसल, हाल ही में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चुनाव आयुक्त से इलेक्शन टालने का अनुरोध किया है। कोरोना की थर्ड वेव के खतरे को देखते हुए कोर्ट ने ये अपील की है। हाई कोर्ट ने कहा कि पीएम मोदी और चुनाव आयुक्त प्रदेश में चुनावी रैलियों और सभाओं पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठाएं। तीसरी लहर से जनता को बचाने के लिए पार्टियों की रैली में भीड़ इकट्ठी कर रैलियों पर रोक लगाई जाएं। कोर्ट ने आगे सुझाव दिया कि जनीतिक पार्टियों से चुनाव प्रचार टीवी और समाचार पत्रों के जरिए करने को कहा जाएं।
वहीं, पीएम मोदी से अपील करते हुए हाई कोर्ट के जज ने कहा कि वो पार्टियों की चुनावी सभाएं और रैलियों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएं। प्रधानमंत्री चुनाव टालने पर भी विचार करें। जान है तो जहान है।