चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही उत्तर प्रदेश मिशन 2022 की जंग औऱ तेज हो गई। बीजेपी से लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस तक सभी पार्टियां अब चुनाव के लिए एकदम तैयार हो चुकी है। वहीं कोरोना के बीच इस बार चुनाव एक अलग ही अंदाज में होने जा रहे है। क्योंकि इस बार कोरोना की वजह से चुनाव प्रचार डिजिटली किया जा रहा है।
कोरोना के चलते चुनाव आयोग ने 15 जनवरी तक रैलियों, पद यात्रा, रोड शो और नुक्कड़ सभा पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। वहीं जिस तरह इस वक्त देशभर में कोरोना के केस बढ़ रहे है, उसके देखकर ऐसा लग रहा है कि इन प्रतिबंधों की तारीख बढ़ सकती है। यही वजह है कि इस बार चुनावों के लिए सभी पार्टियों को डिजिटल प्रचार करने पर ही जोर देना होगा।
बीजेपी डिजिटल प्रचार के दौड़ में इस वक्त सबसे आगे लग रही है। बताया जा रहा है कि चुनावी बिगुल बजते ही पार्टी ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी थीं। इसके अलावा मुख्य विपक्षी पार्टी सपा भी इसमें बीजेपी को टक्कर देने के लिए एक्टिव हो गई है।
इस वक्त बीजेपी डिजिटल सेल का फोकस व्हाट्सऐप ग्रुप से प्रचार का है। इसके चलते ही मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पार्टी ने बूथ स्तर पर एक लाख से भी अधिक ग्रुप बनाए हैं। इन ग्रुप के जरिए से प्रचार से जुड़ी सामग्री जनता तक भेजी जाएगी। इसके अलावा डिजिटल प्रचार के लिए पार्टी ने 100 से अधिक फेसबुक पेज भी बनाए हैं।
पार्टी के पदाधिकारी के अनुसार सोशल मीडिया के 9 हजार से ज्यादा वालंटियर्स को तैयार किया गया है। LED स्क्रीन्स का भी सहारा लिया बीजेपी प्रचार के लिए कर सकती है। बूथ स्तर तक LED स्क्रीन्स के सहारे मतदाताओं को रिझाने की कोशिश की जाएगी।
इसके अलावा बाकी पार्टियां भी डिजिटल कैंपेन की तैयारियों में जी जान से जुट गई है। हालांकि इन सबमें अभी तो सबसे आगे बीजेपी ही दिख रही है। देखना होगा कि सपा, बसपा, कांग्रेस जैसी पार्टियां इसमें बीजेपी को मात देने के लिए क्या करती है?