लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आज यानी 4 जून को आने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार एक बार फिर अपनी पुरानी संसदीय सीट वाराणसी से चुनावी मैदान में हैं। पीएम मोदी ने इस बार 400 पार का नारा दिया था। वहीं, लोकसभा चुनाव के लिए मतगणना शुरू होने के साथ ही धीरे-धीरे रुझान सामने आने लगेंगे और फिर दोपहर तक यह लगभग साफ हो जाएगा कि क्या मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आकर देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे या फिर साल 2004 की तरह कुछ ऐसे चौंकाने वाले नतीजे सामने आएंगे, जिसकी उम्मीद विपक्षी ‘इंडी’ गठबंधन को है। पंडित नेहरू 16 साल 286 दिन तक प्रधानमंत्री रहे थे। वहीं, अगर प्रधानमंत्री इस बार भी सत्ता में आते हैं तो वह नेहरू के बाद पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे जो हेट्रिक जीत हासिल कर प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे।
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सिर्फ कांग्रेस ही कर पाई है 400 पार
अब तक सिर्फ़ एक बार ही किसी पार्टी ने 400 से ज़्यादा सीटें जीती हैं। 1984 में राजीव गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 404 सीटें जीती थीं। उसके बाद पंजाब और असम में हुए चुनावों के बाद यह आँकड़ा बढ़कर 414 हो गया। अगर एनडीए को 400 सीटें मिलती हैं तो वह इतनी सीटें जीतने वाला पहला गठबंधन होगा।
एग्जिट पोल का अनुमान है कि तमिलनाडु और केरल में भाजपा अपना खाता खोलेगी। अगर ऐसा हुआ तो भाजपा हर मायने में राष्ट्रीय पार्टी बन जाएगी और उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक भारत के हर राज्य में उसकी मौजूदगी होगी।
नरेंद्र मोदी और वाराणसी की सीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं उनके खिलाफ इंडी गठबंधन के अजय राय भी चुनाव लड़ रहे हैं। अजय राय कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में अजय राय ने कांग्रेस के टिकट पर वाराणसी से चुनाव लड़ा था और तीसरे नंबर पर रहे थे। उन्हें 7.34 प्रतिशत वोट मिले थे। उस समय आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। उन्हें 20.30 प्रतिशत वोट मिले थे और वे दूसरे नंबर पर रहे थे। प्रधानमंत्री मोदी को 56.37 प्रतिशत वोट मिले थे और उन्होंने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 3.70 लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
साल 2019 में नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर वाराणसी सीट से चुनाव लड़ा और इस बार भी वाराणसी की जनता ने उन्हें अपना नेता बनाकर संसद भेजा। वहीं, साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार वाराणसी सीट से लोकसभा के लिए चुनकर देश के प्रधानमंत्री बने थे, उस समय उनका मुकाबला दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से था।
सत्ता विरोधी लहर के बजाय सत्ता समर्थक लहर
गुजरात में नरेंद्र मोदी लगातार सत्ता में लौट रहे थे और केंद्र में उनकी तीसरी जीत से सत्ता समर्थक भावना को बल मिलेगा। साथ ही नरेंद्र मोदी की अजेय नेता की छवि भी बरकरार रहेगी, जिन्होंने आज तक कोई चुनाव नहीं हारा है। साथ ही भाजपा ने यह पूरा चुनाव मोदी और उनके काम के नाम पर लड़ा है। लगातार तीसरी बार जीत का मतलब होगा कि जनता ने ‘मोदी मैजिक’ और ‘मोदी की गारंटी’ को मंजूरी दे दी है।
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