Who is Pramila Pandey: कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे अक्सर अपनी बेबाकी और विवादित फैसलों की वजह से सुर्खियों में रहती हैं। लोग उन्हें प्यार से ‘रिवॉल्वर दीदी’ या ‘रिवॉल्वर अम्मा’ के नाम से भी जानते हैं। आजकल वह लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। दरअसल, कानपुर में उन प्राचीन मंदिरों और शिवालयों की तलाश तेज हो गई है, जो अब अस्तित्वहीन हो चुके हैं या किसी इमारत, दुकान या भवन में तब्दील हो चुके हैं। हिंदू संगठनों के साथ-साथ कानपुर की बीजेपी मेयर प्रमिला पांडे भी इन मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए सक्रिय हो गई हैं।
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मेयर का दावा: गायब मंदिरों को किया गया खोज
मेयर प्रमिला पांडे (Kanpur Mayor Pramila Pandey) ने दावा किया है कि करीब ढाई साल पहले कानपुर के मुस्लिम बहुल इलाकों में हिंदुओं के पुराने और गायब हो चुके मंदिरों को खोजा गया था। उनका कहना है कि अब इन मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए पूजा योग्य बनाया जाएगा।
BIG NEWS 🚨 Kanpur mayor reaches Muslim area & reopens closed temples.
Mayor Pramila Pandey had reached with the force of 7 police stations.
Biryani used to be made in the temple earlier, garbage was found when the lock was opened.
Reportedly There are over 125 closed ancient… pic.twitter.com/yDj8I5zE8o
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) December 22, 2024
शनिवार को मेयर प्रमिला पांडे ने 7 थानों की पुलिस फोर्स और अधिकारियों के साथ बेकनगंज इलाके का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने 5 मंदिरों का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया।
मंदिरों का हाल और मेयर की कार्रवाई
- राम जानकी मंदिर:
- इस मंदिर पर कानपुर हिंसा के आरोपी मुख्तार बाबा का कब्जा था।
- मंदिर के पीछे के हिस्से में बिरयानी बनती थी।
- शत्रु संपत्ति घोषित होने के बाद जगह को सील कर दिया गया, लेकिन मंदिर का एक हिस्सा अभी भी बचा है।
- राधा-कृष्ण मंदिर:
- यह मंदिर पूरी तरह गिर चुका है और यहां किसी का कब्जा नहीं पाया गया।
- शंकर भगवान मंदिर:
- मंदिर के अवशेष मिले, लेकिन शिवलिंग गायब था।
- मंदिर के पीछे के हिस्से में लोग रह रहे थे।
- बंद राधा-कृष्ण मंदिर:
- इस मंदिर पर शटर लगा था और अंदर कूड़ा भरा हुआ था।
- मेयर ने इसका ताला तोड़ने का प्रयास किया और इसे खाली करने के निर्देश दिए।
- एक अन्य मंदिर:
- बगल के मंदिर पर भी कब्जा पाया गया, जिसे खाली करने की चेतावनी दी गई।
120 से अधिक बंद मंदिरों का सर्वे
कानपुर नगर निगम ने हाल ही में एक सर्वे किया था, जिसमें यह पाया गया कि मुस्लिम बहुल इलाकों में 120 से अधिक मंदिर बंद पड़े हैं। इनमें से कई मंदिर कब्जे में हैं या पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं।
मेयर का संकल्प: पूजा और रेनोवेशन का वादा
मेयर प्रमिला पांडे ने कहा कि इन मंदिरों को खुलवाकर उनकी मरम्मत कराई जाएगी। साथ ही, मंदिरों में नियमित पूजा-अर्चना शुरू कराई जाएगी। उन्होंने कहा,
“मंदिरों के अवशेष पूरी तरह सुरक्षित हैं। मूर्तियां कहां गईं, इसकी भी जांच की जाएगी।”
मुस्लिम इलाकों में मंदिरों की स्थिति पर सवाल
यह मामला संवेदनशील हो गया है, क्योंकि मुस्लिम बहुल इलाकों में मंदिरों की जर्जर स्थिति और कब्जे को लेकर विवाद बढ़ने की संभावना है। हिंदूवादी संगठनों ने मंदिरों को कब्जामुक्त कराने की मांग तेज कर दी है।
कौन है प्रमिला पांडे? ( Who is Pramila Pandey)
प्रमिला पांडे का जन्म वर्ष 1958 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मड़ियाहूं तहसील के बेलौना गांव में हुआ था। जिस स्कूल में उन्होंने पढ़ाई की, वहां आठवीं क्लास में उनके साथ केवल लड़के ही पढ़ते थे। पूरे स्कूल में वे अकेली लड़की थीं, जो उनकी साहसी प्रवृत्ति को दर्शाता है। उनके पिता पंडित श्रीप्रकाश दुबे जमींदार थे और मां कमला देवी गृहिणी थीं।
शादी और कानपुर की शुरुआत
प्रमिला पांडे की शादी 1976 में जौनपुर के सिकराना तहसील के निवासी लक्ष्मी शंकर पांडे से हुई। शादी के बाद वे कानपुर आ गईं और यहां अपने परिवार के साथ एफएम कॉलोनी में बस गईं।
राजनीतिक करियर की शुरुआत
- पहला कदम: वर्ष 1995 में उन्होंने पहली बार पार्षद का चुनाव लड़ा और विजयी रहीं।
- दस साल का कार्यकाल: लगातार 10 साल तक पार्षद के पद पर बनी रहीं।
- बीजेपी से जुड़ाव: प्रमिला पांडे बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
- कानपुर की मेयर: अपने राजनीतिक अनुभव और सक्रियता के चलते उन्होंने कानपुर की मेयर के रूप में भी अपनी छवि को मजबूत किया।
क्यों कहते हैं उन्हें ‘रिवॉल्वर दीदी’?
‘रिवॉल्वर दीदी’ (Revolver Didi Pramila Pandey) के नाम के पीछे दिलचस्प कहानी है। प्रमिला पांडे जब कानपुर की मेयर बनने से पहले पार्षद थीं, तब वे अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर के साथ जीप में घूमती थीं। बीजेपी महिला मोर्चा की जिलाध्यक्ष रहते हुए भी उनकी यह आदत बनी रही। साड़ी पहनकर, हाथ में रिवॉल्वर लिए उनका व्यक्तित्व हमेशा चर्चा का विषय रहा।
उनकी इस शैली ने उन्हें जनता के बीच अलग पहचान दी। लोग उन्हें उनकी इस छवि के कारण ‘रिवॉल्वर दीदी’ और ‘रिवॉल्वर अम्मा’ के नाम से बुलाने लगे।