बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की। जिसके बाद दोनों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीएम कौन बनेगा इसकी जानकारी दी।
देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे। उन्होंने ये भी बताया कि वो सरकार में शामिल नहीं होंगे। इस दौरान एकनाथ शिंदे ने ये भी बताया कि आज शाम साढ़े सात बजे सिर्फ शिंदे ही शपथ लेंगे।
देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे के सीएम बनने का किया ऐलान
जाहिर है कि बुधवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तय था कि फ्लोर टेस्ट होगा। लेकिन इस बीच उद्धव ठाकरे नें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच कयास लगाए जा रहे थे कि देवेंद्र फडणवीस नए सीएम की शपथ ले सकते है, हालांकि राज्यपाल से मुलाकात के बाद फडणवीस ने शिंदे के नए सीएम बनने की घोषणा कर दी।
शिंदे ने 50 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का किया दावा
महाराष्ट्र में सियासी संग्राम शुरू होने की सबसे बड़ी वजह शिवसेना के वरिष्ठ नेता एकनाथ शिंदे की बगावत रही। जिसके बाद एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के कई विधायकों को अपने साथ कर लिया और उन्हें लेकर गुजरात के सूरत पहुंचे। इसके बाद महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी संकट के बादल छा गए। ऐसे में शिंदे ने 50 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा भी किया।
शिंदे के साथ आए बागी विधायकों के गुट
शिवसेना के कुछ और विधायकों ने शिंदे का दामन उस समय थाम लिया जब वे गुवाहटी पहुंचे। इन सबके बाद राज्यपाल ने उद्धव ठाकरे को बहुमत हासिल करने को कहा। राज्यपाल के इस फैसले को उद्धव ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। ऐसे में उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
विधायक बनने से पहले शिंदे ऑटोचालक थे
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे कई सालों से शिवसेना से जुड़े हुए है। शिंदे 2004 में पहली बार विधायक बने थे। विधायक बनने से पहले शिंदे एक ऑटो ड्राइवर थे।
नए सीएम बनने वाले एकनाथ शिंदे का गृहनगर सतारा में है। वे अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए ठाणे आए थे। इस दौरान वे आनंद दिघे के कॉन्टेक्ट में आए।
यूं हुई शिंदे के राजनीतिक सफर की शुरूआत
बता दें कि एकनाथ शिंदे ने 18 साल की उम्र में अपने राजनीतिक सफर की शुरूआत शिवसेना से की। शिवसेना में डेढ़ दशक तक काम करने के बाद आनंद दिघे ने 1947 में उन्हें ठाणे नगर निगम के चुनाव में पार्षद का टिकट दिया। पहली ही बार में शिंदे ने चुनाव जीता और हाउस लीडर भी बने। फिर 2004 में शिंदे ने ठाणे विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और यहां भी पहली बार में ही जीत दर्ज करने में सफल रहे। इसके बाद भी कामयाबी ने उनके कदम चूमे और 2009 से वो लगातार कोपरी-पचपाखड़ी विधानसभा क्षेत्र के विधायक चुने गए। बाद में 2015 से 2019 तक राज्य के लोक निर्माण मंत्री बने रहे। इसके बाद अब वे राज्य के शहरी विकास मंत्री होने के साथ ठाणे जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। हालांकि शिंदे शिवसेना से बगावत करने के बाद सुर्खियों में आए और उन्होंने बागी विधायकों को भी अपने साथ कर लिया। ऐसे में अब उन्होंने बीजेपी के साथ हाथ मिलाया और इस तरह अब वे महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में आज शपथ लेने वाले है।