केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के फर्जी वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट ने 7 से 8 राज्यों के 16 लोगों को सीआरपीसी 91 और 160 के तहत पूछताछ में शामिल होने के लिए बुलाया है। इसमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी समेत तेलंगाना कांग्रेस के 6 लोगों को समन जारी किया गया है। इन सभी लोगों को दिल्ली पुलिस ने 1 मई को पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा है। साथ ही सभी को अपना मोबाइल और लैपटॉप भी साथ लाने को कहा है। दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, सीएम रेड्डी कल व्यक्तिगत रूप से पेश नहीं होंगे लेकिन एक वकील उनका पक्ष रखने के लिए आएंगे।
दरअसल, सीआरपीसी 160 के तहत पुलिस को किसी को भी जांच में शामिल होने के लिए नोटिस देने का अधिकार है। साथ ही सीआरपीसी 91 के तहत वह कोई भी दस्तावेज या गैजेट पेश करने के लिए कह सकती है।
जांच का दायरा कई राज्यों तक फैल
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक, मामले की जांच का दायरा कई राज्यों तक फैल गया है। संपादित वीडियो की जांच के लिए दिल्ली पुलिस की अलग-अलग टीमें झारखंड, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, नागालैंड के लिए रवाना हो गई हैं। यूपी में समाजवादी पार्टी के एक लोकसभा उम्मीदवार को नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया गया है। दिल्ली पुलिस ने झारखंड (रांची) कांग्रेस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी और नागालैंड के एक वरिष्ठ कांग्रेस पदाधिकारी को नोटिस दिया है। इन सभी को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फर्जी वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कह रहे थे कि अगर बीजेपी की सरकार बनी तो वे एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण खत्म कर देंगे। फैक्ट चेक में यह वीडियो फर्जी साबित हुआ है, जिसके बाद गृह मंत्रालय की शिकायत के आधार पर पुलिस कार्रवाई कर रही है। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल की एक टीम तेलंगाना में है और टीम ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है।
तेलंगाना मुख्यमंत्री ने कहा “डरने वाले नहीं”
सूत्रों के मुताबिक, रेड्डी ने फर्जी वीडियो ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था। जिसके चलते उन्हें भी समन भेजा गया था और पूछताछ के दौरान उन्हें अपना मोबाइल फोन साथ लाने के लिए कहा गया था जिसका इस्तेमाल ‘एक्स’ पर ‘फर्जी’ वीडियो साझा करने के लिए किया गया था। इस बीच, तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने सोमवार को कहा था कि वह सोशल मीडिया पर प्रसारित केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के ‘फर्जी वीडियो’ के संबंध में जांच के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा उन्हें नोटिस जारी करने से डरते नहीं हैं। पड़ोसी राज्य कर्नाटक के सेडम में कांग्रेस की एक रैली को संबोधित करते हुए रेड्डी ने इसे बीजेपी की चुनाव जीतने की साजिश भी बताया। इसके अलावा रेड्डी ने दावा किया कि चुनाव में बीजेपी तेलंगाना और कर्नाटक में भी हारेगी।
नोटिस को अगर नजरअंदाज किया जाता है तो?
सीआरपीसी 160,91 के तहत नोटिस को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ वही कानूनी प्रक्रिया की जाएगी जो ईडी के समन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ की गई है।
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