Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में पुलिस हिरासत में हुई एक व्यक्ति की मौत ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। घटना के बाद से आक्रोशित परिजनों और ग्रामीणों ने जमकर प्रदर्शन किया। मृतक के परिजन आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन, मुआवजे और न्याय की मांग पर अड़े हुए हैं। मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है, जिसमें समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा और प्रशासन पर तीखा हमला बोला है।
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मामला क्या है? (Uttar Pradesh News)
लखीमपुर के मझगईं थाना क्षेत्र के हुलासीपुरवा गांव निवासी रामचंद्र मौर्य की मौत पुलिस हिरासत में हो गई। पुलिस का दावा है कि रामचंद्र अवैध शराब बनाने के आरोप में पकड़ा गया था और हिरासत के दौरान हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई। दूसरी ओर, मृतक के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने रामचंद्र को हिरासत में बुरी तरह पीटा, जिससे उसकी मौत हुई।
परिजनों का कहना है कि रामचंद्र केवल जलाने के लिए लकड़ियां बीनने गए थे, लेकिन पुलिस ने उसे और उसके एक साथी को थाने ले जाकर यातनाएं दीं। मृतक के परिवार ने शव को रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और आरोपी पुलिसकर्मियों के निलंबन, परिवार के एक सदस्य को नौकरी, तथा 30 लाख रुपये मुआवजे की मांग की।
सीओ की बातचीत का वीडियो वायरल
धौरहरा के सीओ पी. पी. सिंह का परिजनों से बातचीत करते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सीओ परिजनों से यह कहते सुने जा सकते हैं,
“ना तो मझगई थाना सस्पेंड हो, ना निघासन थाना सस्पेंड हो और ना तुझे 30 लाख रुपए दें। तेरे पे जितने दिन रखना है, रख ले डेडबॉडी को। हम यहां से जा रहे हैं।”
इस बयान ने ग्रामीणों और राजनीतिक दलों में रोष को और बढ़ा दिया।
अखिलेश यादव का भाजपा पर हमला
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस घटना पर भाजपा सरकार और पुलिस प्रशासन की कड़ी आलोचना की। उन्होंने वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा,
“भाजपा हृदयहीन पार्टी है।”
भाजपा हृदयहीन पार्टी है। pic.twitter.com/ffI98Sbsds
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) January 8, 2025
अखिलेश ने कहा कि भाजपा शासन में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और आम जनता के अधिकारों का हनन हो रहा है।
प्रदर्शन और लाठीचार्ज
घटना के बाद परिजनों और ग्रामीणों ने शव को लेकर बम्हनपुर चौराहे पर प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में ग्रामीण बाइक और ट्रैक्टर लेकर रास्ता जाम करने पहुंच गए। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए लाठीचार्ज किया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
पोस्टमॉर्टम और आगे की कार्रवाई
रामचंद्र के शव का पोस्टमार्टम तीन डॉक्टरों के पैनल ने किया और इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की सही वजह सामने नहीं आ सकी, इसलिए विसरा सुरक्षित रख लिया गया है। पोस्टमॉर्टम हाउस और क्षेत्र में पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।
पुलिस और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली और प्रशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिजनों का कहना है कि पुलिस ने पहले जबरन शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति बिगड़ गई।
न्याय की उम्मीद और तनावपूर्ण माहौल
इस मामले में परिजनों और ग्रामीणों का आक्रोश, प्रशासन की संवेदनहीनता और राजनीतिक बयानों ने माहौल को तनावपूर्ण बना दिया है। परिजन शव के अंतिम संस्कार के लिए तैयार नहीं हैं, जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं।
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