भाजपा के ऑपरेशन लोटस की तेलंगाना में आहट
वैसे तो राजनीतिक पार्टियों के बीच नेताओं की खरीद-फरोख्त की बाते तो आम हैं, पर आज कल यह मुद्दा मीडिया की सुर्ख़ियों में काफी तेज़ी से आ रहा है। तेलंगाना पुलिस ने दावा किया है कि सत्ताधारी पार्टी के विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश की जा रही थी। तेलंगाना की राजनीति में बुधवार से ही हलचल तेज है। पुलिस ने तीन लोगों को हिरासत में लिया है, जिन पर आरोप है कि वे तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के 4 विधायकों को घूस दे रहे थे ताकि वे पाला बदल लें। विधायकों ने इसे भाजपा का ऑपरेशन लोटस भी बताया है।
इस मामले में पुलिस ने तीन लोगों को लिया हिरासत में
इस मामले में पुलिस ने अभी तक तीन लोगों को हिरासत में ले लिया है। साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र ने कहा है कि टीआरएस के चार विधायकों को रिश्वत देने की कोशिश की जा रही थी। उन विधायकों ने ही पुलिस को इस हेरा फेरी की सूचना दी थी। विधायकों की सुचना के बाद यह कार्रवाई की गयी है। पुलिस कार्रवाई के दौरानअजीज नगर स्थित फार्महाउस की तलाशी ली गई। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार विधायकों ने पुलिस को यह कह कर बुलाया था कि उन्हें “पार्टी बदलने के लिए मनाया जा रहा है और रिश्वत देने की कोशिश की जा रही है.” पुलिस अधिकारी ने कहा कि पुलिस को अब तक पता चला है कि हिरासत में लिए गए लोग फर्जी पहचान के आधार पर हैदराबाद में घुसे थे।
पुलिस को मिली सुचना के अनुसार तीन लोगों ने अतचंपेता विधायक गुव्वला बालाराजू, कोल्हापुर के विधायक बीरम हर्षवर्धन रेड्डी, पिनापाका विधायक रेगा कांत राव और ताण्डूर विधायक रोहित रेड्डी को टीआरएस से अलग करने के की कोशिश में रिश्वत दे रहे थे।
इससे पहले भी इस तरह के कई मामले आएं है सामने
पिछले कुछ महीनों पर आप ध्यान दे तो देश भर से इस तरह की वारदात सामने आ रही है। झारखंड और पंजाब में भी सत्ताधारी दलों के विधायकों ने रिश्वत की पेशकश कि थी। दिल्ली में भी आम आदमी पार्टी और यहां तक की उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी भाजपा पर विधायकों को पैसा देकर अपने पक्ष में करने के प्रयास का आरोप लगाया था। झारखंड के कुछ कांग्रेसी विधायकों को कोलकाता में पैसे के साथ गिरफ्तार भी किया गया था। जिन्हें बाद में पार्टी की तरफ से निलंबित कर दिया गया था।
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