Lucknow News: जेपी की जयंती पर लखनऊ में मचा हंगामा, भारी फोर्स की तैनाती के बीच क्या नजरबंद रहेंगे अखिलेश यादव?

Akhilesh Yadav and JN birth anniversary Controversy
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समाजवादी चिंतक जयप्रकाश नारायण की जयंती (Jay Prakash Narayan’s birth anniversary) से पहले राजधानी लखनऊ का सियासी तापमान बढ़ गया है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Samajwadi Party chief Akhilesh Yadav) शुक्रवार सुबह गोमती नगर स्थित जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती के कार्यक्रम में बिना अनुमति शामिल होने पर अड़े हैं। इसके लिए उन्हें प्रशासन से अनुमति नहीं मिली। सपा प्रमुख को घर से निकलने से रोकने के लिए लखनऊ प्रशासन ने घेराबंदी शुरू कर दी है। उनके घर के बाहर की सड़क को बैरिकेडिंग लगाकर सील कर दिया गया है। एक तरह से उन्हें नजरबंद करने की तैयारी है।

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इस मौके पर अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर योगी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा, ये भाजपा राज में आजादी का दिखावटी अमृतकाल है, जनता श्रद्धांजलि न दे सके इसके लिए दीवार खड़ी कर दी गई।

सपा का योगी सरकार पर हमला- SP vs Yogi government

इस पूरे मामले पर सपा ने सीएम योगी (CM Yogi) से सवाल किया है। पार्टी ने सवाल किया कि क्या अखिलेश को नजरबंद किया जा रहा है? योगी जी को इस पर विस्तार से बताना होगा। समाजवादी आंदोलन के प्रेरणास्रोत, लोकतंत्र के लोकनायक और स्वतंत्रता संग्राम के महान क्रांतिकारी जेपी जी की प्रतिमा को सजाने से सरकार क्यों रोक रही है? सपा के अनुसार, कायस्थ समाज के प्रतिष्ठित नेता जयप्रकाश नारायण जी को भाजपा सरकार (BJP Government) अपमानित कर रही है। जातिवादी ठाकुर योगी शासन में सेंगर और चिन्मयानंद जैसे बलात्कार करने वाले उसी जाति के लोगों का सम्मान किया जाता है जबकि क्रांतिकारियों और डेमोक्रेट्स का उपहास किया जाता है। क्या सीएम और सरकार को अब भी कोई शर्म बची है?

 “सरकार क्या छिपा रही है”

इसके अलावा अखिलेश यादव ने कहा, “यह जेपीएनआईसी समाजवादियों का संग्रहालय है, इसके अंदर जयप्रकाश नारायण की मूर्ति है और ऐसी प्रदर्शनी है जो समाजवाद को समझने में हमारी मदद करती है।” इन टिन की चादरों के साथ सरकार क्या छिपा रही है? क्या यह किसी को उपहार देने का इरादा है या जेपीएनआईसी को बेचने की तैयारी है? लोकनायक जयप्रकाश नारायण (Loknayak Jayprakash Narayan) की जयंती पर क्रांतिकारी नायक के इर्द-गिर्द राजनीति गरमा गई है। अखिलेश यादव एक तरफ दावा कर रहे हैं कि केंद्र के बाहर टिन की चादरें लगाई जा रही हैं और भाजपा सरकार उन्हें जेपीएनआईसी में जाने से रोक रही है। हालांकि, एलडीए ने जेपीएनआईसी बंद करने के पीछे की वजहें बताई हैं।

LDA का बयान आया सामने

जयप्रकाश नारायण की जयंती पर जेपीएनआईसी जाने की अखिलेश यादव की योजना के बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) ने एक पत्र भेजा है। इसमें कहा गया है कि जेपीएनआईसी में अभी निर्माण कार्य चल रहा है, निर्माण सामग्री लापरवाही से बिखरी हुई है और हाल ही में हुई बारिश के कारण बड़ी संख्या में कीड़े होने की संभावना है। पत्र के अनुसार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव को जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त है, इसलिए सुरक्षा कारणों से जेपीएनआईसी जाना और स्मारक पर माल्यार्पण करना उनके लिए न तो उचित है और न ही सुरक्षित।

अखिलेश यादव ने शेयर की तस्वीरें

गुरुवार को जब अखिलेश यादव जेपीएनआईसी के गेट पर पहुंचे तो वहां टिन की चादरें लगाई गई थीं। उसके बाद एक वीडियो सामने आया जिसमें अखिलेश यादव ने पेंटर से टिन पर ‘समाजवादी पार्टी जिंदाबाद’ लिखने को कहा, जिसके बाद अखिलेश यादव ने एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें टिन पर ‘समाजवादी पार्टी जिंदाबाद’ लिखा हुआ था।

2016 में बनवाया गया था केंद्र

इससे पहले पिछले साल भी सपा को जेपी जयंती पर माल्यार्पण नहीं करने दिया गया था, जिसके बाद अखिलेश यादव ने दीवार से कूदकर माल्यार्पण किया था। अखिलेश यादव ने 2016 में मुख्यमंत्री रहते हुए जेपीएनआईसी का उद्घाटन किया था। हालांकि, 2017 में जब सत्ता बदली और योगी सरकार बनी तो भवन का काम रोक दिया गया। इस केंद्र में जयप्रकाश नारायण संग्रहालय के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी हैं।

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