आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच पहले ही शराब नीति को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। ऐसे में असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवा के बीच ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ी हुई है। जहां केजरीवाल भारत को नंबर एक बनाने का दावा करते दिख रहे है, तो वहीं अब इस पर हिमंत बिस्वा ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा है कि आप भारत को नंबर-1 मत बनाओ, मोदी जी पहले से यह काम कर रहे हैं।
दरअसल, आम आदमी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच शराब नीति को लेकर पहले ही सियासत गर्मा चुकी है। जबकि दूसरी ओर मनीष सिसोदिया ने बिस्वा सरमा की पत्नी पर पीपीई किट में धांधली का आरोप लगाया था। तभी से ही बिस्वा सरमा काफी खफा नजर आ रहे है। इसके अलावा वे मनीष सिसोदिया पर मानहानि का केस भी दर्ज कर चुके है।
दोनों के बीच यूं शुरू हुई जुबानी जंग
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और असम के सीएम हेमंत बिस्वा के बीच जुबानी जंग की शुरुआत स्कूल संबंधी फैसले को लेकर हुई थी। क्योंकि असम सरकार ने 10वीं कक्षा में फेल हुए स्कूलों को बंद करने का फैसला किया था। इसी फैसले को लेकर सीएम केजरीवाल ट्वीट कर कहा था कि स्कूल बंद करना समस्या कासमाधान नहीं है। इसी ट्वीट का जवाब देते हुए असम के सीएम बिस्वा सरमा ने उनके शिक्षा मंत्री के कार्यकाल में खोले गए स्कूलों की लिस्ट जारी की थी।
सीएम केजरीवाल ने दिया था ये जवाब
फिर अरविंद केजरीवाल ने जवाब देते हुए ट्वीट किया था कि उनका इरादा असम सरकार की आलोचना करना नहीं था। फिर उन्होंने आगे ये भी कहा था कि वे असम सरकार के अच्छे काम देखने के लिए राज्य का दौरा करेंगे। भारत तभी नंबर-1 बनेगा, जब हम एक दूसरे से सीखेंगे। इसके साथ ही केजरीवाल ने अपने ‘मेक इंडिया नंबर-1’ अभियान का भी जिक्र किया।
हिमंत बिस्वा का पलटवार
इसके बावजूद जुबानी जंग खत्म नहीं हुई और बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा था कि डियर केजरीवाल जी, आपकी अज्ञानता पीड़ादायक है। मैं आपको बताता हूं। दिल्ली से असम 50 गुना बड़ा है। हमारे 44,521 सरकारी स्कूलों में 65 लाख बच्चे पढ़ते हैं। जबकि दिल्ली में 1000 से कुछ ज्यादा स्कूल हैं। हमारे यहां दो लाख शिक्षक स्कूलों में पढ़ाते है। हमारी चुनौतियों को आप देखेंगे तो प्रवचन देना भूल जाएंगे। जब आप असम दौरे पर आएंगे तो मैं आपको हमारे होनहार विद्यार्थियों और शिक्षकों से भी मिलवाऊंगा। हालांकि इसके बावजूद दोनों के बीच जुबानी जंग खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है।