भारतीय जनता पार्टी ने राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को सत्ता से बेदखल करने के बाद एक मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम के मॉडल से सरकार बनाई. बीजेपी ने पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री तो दिव्या कुमारी और दलित नेता प्रेमचंद बैरवा को राज्य का डिप्टी सीएम बनाया. प्रेम चंद बैरवा दलित समाज से आने वाले राज्य के पहले डिप्टी सीएम हैं और हाल ही में बेटे की रील वायरल होने के बाद विपक्ष के निशाने और सुर्खियों में हैं. जहाँ उनका बेटा आशु जो एक वीडियो में एक रॉयल जीप चलाता दिख रहा है. इसके साथ ही बैरवा का कनेक्शन दिल्ली के एक मशहूर होटल के कमरा नंबर 301 से भी जोड़ा जा रहा है.
जानें क्या है पूरा मामला
इन दिनों राजस्थान के डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के बेटे की एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है. प्रेमचंद बैरवा का बेटा खुली रॉयल जीप में बैठकर रील बनाते दिख रहा है. इस रील में ये भी साफ़-साफ़ नजर आ रहा है बैरवा के बेटे की जीप के पीछे राजस्थान पुलिस की गाड़ी भी उन्हें एस्कॉर्ट करती हुई चल रही है. वही, इस वायरल रील ने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है. इधर, इस मामले में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, बैरवा का बचाव करते हुए नजर आए. उन्होंने मीडिया से बेवजह इस मामले को तूल नहीं देने के लिए कहा है. उन्होंने बैरवा की तरफदारी करते हुए कहा कि उनके बच्चे ने यह सब बालपन में किया है. इस मामले को यही खत्म कर देना चाहिए.
इस मामले में प्रेमचंद बैरवा ने मीडिया में जो बयान दिया है, उसके बाद बैरवा सोशल मीडिया पर जमकर ट्रॉल हो रहे हैं. इसको लेकर पार्टी में भी नाराजगी है. इस मामले में पार्टी हाईकमान ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मदन राठौड़ का कहना है कि यह गाड़ी प्रेमचंद बैरवा की नहीं थी, उनका बेटा अपने दोस्तों के साथ था, जो साथ में पढ़ते हैं. वहीं, बैरवा ने अपनी सफाई में कहा है कि बच्चों से गलती हो गई है.
ध्यान देने वाली बात है कि खुली जीप में बैठकर रील बनाने के मामले में जयपुर के एक एडवोकेट ने पुलिस को ईमेल द्वारा शिकायत की है. उन्होंने यह शिकायत डिप्टी सीएम बैरवा के 18 साल से कम उम्र के बेटे के खिलाफ की है. इसमें उन्होंने यातायात नियमों और लाइसेंस का हवाला दिया है. शिकायत में बताया कि बैरवा का बेटा 18 साल से कम उम्र का है. इसके बावजूद चार पहिया वाहन चला रहा है. नाबालिक के गाड़ी चलाने पर सजा का प्रावधान है और नाबालिक के पिता को भी सजा का प्रावधान है. लेकिन परिवहन विभाग क्या कर रहा है?
उधर डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा इस मामले दो बार सफाई दे चुके है. पहली बार सफाई देते हुए बैरवा ने कहा कि उनके बेटे ने किसी भी यातायात नियम का उल्लंघन नहीं किया है. उन्होंने कहा कि वे प्रदेश के डिप्टी सीएम बने हैं. ऐसे में उनके बेटे की दोस्ती किसी अमीर परिवार के बेटे के साथ हुई है तो यह अच्छी बात है कि एक साधारण से परिवार से आने वाले लड़के को अच्छी, सुंदर और महंगी गाड़ी को देखने का अवसर मिला. अगर वह अपने अमीर दोस्त की गाड़ी में बैठकर घूम रहा है, तो इसमें गलत क्या है? वही लोग अब इस पर सवाल कर रहे हैं कि अगर नियम कायदे स्टेटस देखकर ही तय होंगे तो फिर पुलिस आम लोगों का चालान क्यों करती है?
कमरा नंबर 301 की कहानी क्या है?
इसके अलावा डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा पर कई अन्य आरोप भी है. मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया जा रहा है कि डिप्टी सीएम बनने के बाद बैरवा ने अपने स्टाफ में एक राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सांवरमल चायल को लगाया था. पर जब ये बात मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक पहुंची कि यह अधिकारी विभागों से मंत्री जी की वसूली कर रहा है तो इसे हटा दिया गया था. वही ये खबर भी सामने आई कि इस अधिकारी के साथ दो माह पूर्व दुबई जाकर डिप्टी सीएम ने अपना और इस अधिकारी का खाता भी खुलवाया है. कहा जा रहा है कि सारा दो नंबर का लेनदेन का रूपया यहां हवाला के मार्फत जमा हो रहा है. हालांकि, इसके पीछे की सच्चाई क्या है, कोई नहीं जानता. कहा जा रहा है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री के साथ इन्वेस्टमेंट यात्रा पर कोरिया और जापान गए बैरवा ने 75,000 के जूते पहन रखे थे. सोशल मीडिया पर उनका 35,000 का चश्मा भी चर्चा का विषय बना हुआ है.
दिल्ली का ये होटल राजस्थान में चर्चा का विषय बना हुआ है।
कहा जा रहा है कि …
होटल के कमरा नंबर 301 में जो कुछ भी हुआ, वो सरकार और जनता तक को पता चल गया है। pic.twitter.com/07SB6GljVi
— Govind Pratap Singh | GPS (@govindprataps12) October 3, 2024
अब हाल ही में उनपर आरोप लगा है कि प्रेमचंद बैरवा विदेश से लौटने के बाद दिल्ली के एक पांच सितारा होटल के कमरा नंबर 301 में रुके और मन बहलाने के लिए एक विदेशी रूसी महिला को बुलाने के बाद फंस गए. बताया जा रहा है कि रूसी महिला दिल्ली पुलिस के निशाने पर थी, ऐसे में पुलिस रेड में मंत्री जी के साथ वह पकड़ी गई. इसके बाद इन दोनों को थाने ले जाया गया, बाद में स्टाफ ने पहुंचकर थानेदार को बताया कि साहब कौन हैं, फिर बात कमिश्नर तक पहुंची. जिसके बाद मामला दबा दिया गया और किसी को कोई खबर नहीं रही. सोशल मीडिया पर ये मामला सुर्खियां बटोर रहा है. नेड्रिक न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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