चुनाव विधानसभा का हो या फिर लोकसभा का वाराणसी देर सबेर चुनाव का केंद्र बन ही जाता है। अब इस बार फिर से देख लीजिए चुनाव का माहौल बन रहा है और काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण होना है लेकिन उससे पहले एक नये विवाद ने पैर पसारना शुरू कर दिया है। बुलानाला में सड़क किनारे एक मस्जिद बनी है जिसको सोमवार की रात यानी कि 6 दिसंबर को गेरुआ रंग से रंग दिया गया जिसके बाद से ही बवाल का माहौल पैदा हो गया। मस्जिद प्रबंधन से जो लोग जुड़े है उनका कहना है कि बिना पूछे VDA यानी कि वाराणसी विकास प्राधिकरण ने मनमानी करते हुए मस्जिद को सफेद से गेरुआ किया। जिससे माहौल बिगड़ सकता है। अब जबकि विरोध काफी ज्यादा शुरू हो गया तो इसे देखते हुए मस्जिद को फिर से सफेद किया गया। लेबर पुताई करने लगे।
दूसरी तरफ इस संबंध में वाराणसी के प्रशासन का क्या कहना है ये जानना होगा। तो प्रशासन का कहना है कि किसी धार्मिक भावना से नहीं बल्कि सड़क किनारे की सभी बिल्डिंग्स को एकरूपता के लिए एक कलर से पुताई की गयी। मस्जिद को फिर से उसके पुराने रंग से ही कलर किया गया है। सैयद मोहम्मद यासीन जो कि अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के ज्वाइंट सेक्रेटी है उनका इस बारे में कहना है कि मस्जिद का रंग बिना पूछे बदलना पूरी तरह गलत है और ऐसी मनमानी और नासमझी से हालात बिगड़ सकते हैं। मस्जिद का रंग ज्यादातर सफेद होता है या फिर हरा होता है।
आखिर वाराणसी में इतना तामझाम क्यों चल रहा है इस पर भी गौर करना चाहिए। दरअसल हुआ ये है कि 13 दिसंबर को श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लिए देश के पीएम नरेंद्र मोदी को वाराणसी आना है। धाम के लोकार्पण को देखते हुए इन दिनों खूब जोरोंशोरों से तैयारियां चल रही है। खासकर काशी विश्वनाथ धाम जाने के रास्ते पर तो खास तरह से साज सज्जा पर ध्यान दिया जा रहा है। जिसके तहत इन दिनों मैदागिन से चौक तक हो ये रहा है कि सड़क के दोनों किनारे पर जो बिल्डिंग्स है उनकी पुताई का काम किया जा रहा है। रंगाई-पुताई के दौरान ही मस्जिद वाला ये वाक्या हो गया। खैर देखिए मामले में आगे का रुख क्या रहता है।