पीलीभीत: तराई के जिला के राजनीति में स्वामी प्रवक्तानंद (Swami Pravakta Nand) भगवाधारी बड़ा नाम है। बीजेपी (BJP) ने स्वामी प्रवक्तानंद को बरखेड़ा विधानसभा सीट (Barkhera assembly seat) से फिर से टिकट दिया है। पिछले साल जिला पंचायत चुनाव के दौरान स्वामी को टिकट नहीं मिला तो वे नाराज थे और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) को जॉइन कर लिया और अचानक लौट भी आए।
स्वामी विवादों से जुड़े रहे हैं। मरौरी विकास खंड के गांव मुंडिया रत्नपुरी के स्वामी रहने वाले हैं और उनका बरेली हाईवे स्थित खमरिया पुल पर एक आश्रम है जिसका नाम अक्रूर धाम है। यहीं रहकर वे राजनीतिक और सामाजिक रूप से एक्टिव रहते हैं। भगवाधारी है पर फिर भी उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा रही है। स्वामी प्रवक्तानंद सांसद वरुण गांधी के करीबी के तौर पर जाने जाते है और साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उनको वरुण गांधी की सिफारिश पर ही बीजेपी ने बरखेड़ा सीट से उतारा था। वैसे हार गए थे स्वामी।
इस चुनाव में स्वामी 38,882 वोट पा सके थे और साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने उनको नहीं बल्कि किशनलाल राजपूत को टिकट दिया जिससे खफा होकर वे राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर बरखेड़ा सीट से मौदान में उतरे थे। इस चुनाव में स्वामी ने 22,631 वोट पाए पर फिर थोड़े वक्त बाद स्वामी फिर से बीजेपी में चले गए।
बीते साल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के वक्त जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए स्वामी प्रवक्तानंद ने बीजेपी के टिकट की दावेदारी की पर उनके बजाए डॉ दलजीत कौर को पार्टी ने टिकट दिया जिससे फिर नाराज होकर रातोंरात समाजवादी पार्टी में स्वामी शामिल हो गए थे पर सत्ताधारी दबाव बढ़ा तो ऐन वक्त पर सपा को छोड़ दिया था। तब राजनीतिक गलियारे में स्वामी की खूब फजीहत हुई थी। कई क्रिमिनल केसेज भी स्वामी प्रवक्तानंद पर दर्ज है।