Sitaram Yechury Death News: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी CPI(M) के महासचिव सीताराम येचुरी ने 72 साल की उम्र में गुरुवार को दिल्ली के AIIMS में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार थे। उन्हें पिछले दिनों एम्स में भर्ती किया गया था। गुरुवार को उनकी तबीयत एक बार फिर बिगड़ गई थी। उनके निधन की जानकारी भी उनकी पार्टी द्वारा ही दी गई। पार्टी ने कहा है कि हमें बहुत दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि सीपीआई (एम) महासचिव, हमारे प्रिय साथी सीताराम येचुरी का आज 12 सितंबर को दोपहर 3.03 बजे एम्स, नई दिल्ली में निधन हो गया। वे श्वसन तंत्र के संक्रमण से पीड़ित थे, जिसके कारण जटिलताएं पैदा हो गई थीं। वहीं, खबर है कि दुख की इस घड़ी में येचुरी के परिवार ने सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को शिक्षण अनुसंधान के लिए AIIMS नई दिल्ली को दान करने का फैसला किया है।
और पढ़ें: मुस्लिम नहीं हैं योगेंद्र यादव! बचपन की दर्दनाक कहानी शेयर कर बताया किस धर्म से रखते हैं ताल्लुक
सीपीआई (एम) नेता येचुरी को तेज बुखार की शिकायत के बाद 19 अगस्त को एम्स के आपातकालीन विभाग में भर्ती कराया गया था। सीपीआई (एम) नेता की हाल ही में मोतियाबिंद की सर्जरी हुई थी। सीताराम येचुरी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (सीपीआई-एम) के महासचिव थे। वे 1992 से सीपीआई (एम) के पोलित ब्यूरो के सदस्य भी थे। येचुरी 2005 से 2017 तक पश्चिम बंगाल से राज्यसभा सांसद थे। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हुए और एक साल बाद वे भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) में शामिल हो गए।
येचुरी के निधन पर झुकाया गया सीपीएम का झंडा
येचुरी के निधन के बाद पार्टी कार्यालय पर पार्टी का झंडा आधा झुका दिया गया। इस अवसर पर पार्टी ने एक्स पर पोस्ट करके उन्हें श्रद्धांजलि दी और एम्स के डॉक्टरों का आभार व्यक्त किया।
#WATCH | Communist Party of India (Marxist)’s party flag flies at half-mast at the party office in Delhi following the demise of the party’s General Secretary Sitaram Yechury
He passed away today at the AIIMS, New Delhi. He was suffering from a respiratory tract infection which… pic.twitter.com/NtWxcxD2az
— ANI (@ANI) September 12, 2024
सीपीआई (एम) नेता के निधन पर राहुल गांधी ने जताया दुख
सीताराम येचुरी के निधन पर दुख जताते हुए राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया कि सीताराम येचुरी जी मेरे मित्र थे। वे भारत के विचार के रक्षक थे और उन्हें हमारे देश की गहरी समझ थी। मैं हमारी लंबी चर्चाओं को मिस करूंगा। दुख की इस घड़ी में उनके परिवार, दोस्तों और अनुयायियों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।
Sitaram Yechury ji was a friend.
A protector of the Idea of India with a deep understanding of our country.
I will miss the long discussions we used to have. My sincere condolences to his family, friends, and followers in this hour of grief. pic.twitter.com/6GUuWdmHFj
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 12, 2024
ममता बनर्जी ने भी किया पोस्ट
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्विटर पर लिखा कि यह जानकर दुख हुआ कि सीताराम येचुरी का निधन हो गया है। वह एक वरिष्ठ सांसद थे और उनका निधन राष्ट्रीय राजनीति के लिए एक क्षति है। मैं उनके परिवार, मित्रों और सहकर्मियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूँ।
Sad to know that Sri Sitaram Yechury has passed away. I knew the veteran parliamentarian that he was and his demise will be a loss for the national politics.
I express my condolences to his family, friends and colleagues.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) September 12, 2024
केरल के मुख्यमंत्री ने दिया बयान
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि सीताराम येचुरी कम्युनिस्ट आंदोलन के एक अद्वितीय साहसी नेता थे। सीताराम के निधन की खबर सुनकर मैं बहुत दुखी और व्यथित हूं। छात्र आंदोलन से उठकर उन्होंने 9 साल तक सीपीआई(एम) के महासचिव के रूप में कठिन राजनीतिक समय में पार्टी का नेतृत्व किया। सीताराम ने पार्टी के नेतृत्व के अच्छे पदों पर रहते हुए सीपीआई(एम) और वामपंथ के लिए और भारतीय राजनीति के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में काम किया।
यावती ने भी जताया दुख
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि देश की राजनीति में जाना-पहचाना नाम सीपीएम महासचिव व पूर्व राज्यसभा सांसद सीताराम येचुरी के इलाज के दौरान निधन की खबर अति-दुःखद है। वे एक कुशल सांसद व मिलनसार व्यक्ति थे। उनके परिवार व सभी चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उन सभी को इस दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें।
कौन थे सीताराम येचुरी?
पार्टी के संसदीय दल के प्रमुख और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को चेन्नई में एक तेलुगु भाषी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। राज्यसभा में उन्हें 2016 का सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार मिला। जेएनयू में रहते हुए उन्हें आपातकाल के दौरान हिरासत में लिया गया था। इसके बाद, उन्हें लगातार तीन बार जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष के रूप में चुना गया। वे 1984 में सीपीआई एम केंद्रीय समिति के सदस्य बने। उन्हें 2015 में पार्टी का महासचिव चुना गया। येचुरी 2005 में पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए चुने गए थे। उन्होंने सदन में कई मुद्दे उठाए। वामपंथी नेता के तौर पर उनकी अलग पहचान है। वे हमेशा वामपंथी विचारधारा के लिए आवाज उठाते हैं।
और पढ़ें: राहुल गांधी ने अपने अमेरिकी दौरे में ऐसा क्या-क्या कह दिया जिसे लेकर देश में मच गया बवाल?