महाराष्ट्र की राजनीति में बाहर से तो सबकुछ सामान्य दिख रहा है लेकिन हालात सामान्य नहीं हैं. शिवसेना को तोड़कर एकनाथ शिंदे ने भाजपा से हाथ मिलाया और अपने समर्थक विधायकों के साथ सरकार बनाई. खुद राज्य के सीएम बनें लेकिन स्थिति ऐसी हो गई है कि एकनाथ शिंदे की पार्टी के नेता ही राज्य में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर पा रहे हैं. दरअसल, सीएम शिंदे की पार्टी के नेता को भाजपा विधायक द्वारा गोली मारने का मामला सामने आया है. हैरानी की बात ये है कि भाजपा विधायक ने पुलिस स्टेशन में शिवसेना नेता को गोलियां मारी.
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उल्हासनगर पुलिस स्टेशन का है मामला
ध्यान देने वाली बात है कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के नेता महेश गायकवाड़ और कल्याण ईस्ट विधानसभा सीट से भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ के बीच बीते कई दिनों से जमीन विवाद चल रहा है. 31 जनवरी को भी इस विवाद में दोनों पक्षों में झगड़ा हुआ था. जिसके बाद शुक्रवार शाम को दोनों पक्ष उल्हासनगर के हिल स्टेशन पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे. पुलिस के सामने भी दोनों पक्षों के बीच जमकर बवाल मचा. धक्का मुक्की तक हुई.
फिर क्या था भाजपा विधायक गणपत गायकवाड़ ने शिवसेना नेता और उनकी सहयोगियों पर फायरिंग शुरु कर दी. पुलिस के मुताबिक इस घटना के दौरान 6 राउंड फायरिंग हुई. एकतरफा गोलीबारी हुई, जिसमें शिवसेना नेता और उनके 1 सहयोगी घायल हो गए हैं. शिवसेना नेता की हालत गंभीर बनी हुई है. आरोपी विधायक का कहना है कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोलियां चलाई, जबकि पुलिस यह स्पष्ट कह रही है कि फायरिंग सिर्फ एक पक्ष से हुई थी. शिवसेना नेता को 2 गोलियां लगी हैं.
सरकार ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश
पुलिस स्टेशन में भाजपा विधायक द्वारा की गई इस गोलीबारी के बाद पुलिस ने तुरंत ही उन्हें और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया. घटना के तुरंत बाद घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया. वहीं, शनिवार सुबह भाजपा विधायक समेत तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आपको बता दें कि गणपत गायकवाड़ कल्याण ईस्ट सीट से तीन बार के विधायक हैं. दो बार वह बतौर निर्दलीय उम्मीदवार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं. उल्हासनगर में पुलिस थाने में हुई फायरिंग की इस घटना के उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं.
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने इस जांच के आदेश दिए हैं. इस घटना के बाद राज्य की राजनीति में हड़कंप मचा हुआ है. सत्ताधारी गठबंधन के नेता ही एक दूसरे पर गोलियां बरसा रहे हैं तो गठबंधन में अंदरुनी स्थिति का अंदाजा आप स्वत: लगा सकते हैं. साथ ही पुलिस स्टेशन में पुलिस के सामने भाजपा विधायक का फायरिंग करना यह दर्शाता है कि राज्य में कानून व्यवस्था लुप्त हो चुकी है. प्रशासन के कंट्रोल में कुछ नहीं है. हालांकि, अब इस मामले में भाजपा विधायक पर आगे क्या कार्रवाई होगी, यह भविष्य के गर्भ में छिपा हुआ है.