सोमवार को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अग्निपथ योजना को लेकर मोदी सरकार को जमकर घेरा। राहुल गांधी ने अग्निवीर योजना को लेकर कई सवाल उठाए। राहुल गांधी ने संसद में कहा कि मोदी सरकार अग्निवीरों को शहीद का दर्जा नहीं देती। उन्हें मुआवजा नहीं दिया जाता। इसके अलावा भी उन्होंने कई सवाल उठाए। वहीं अग्निवीर योजना को लेकर मोदी सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने वादे से पलटते नजर आए। चुनाव से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राजस्थान के दौरे पर हैं। वहीं उन्होंने राजधानी जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह योजना पूरी तरह सफल है। इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘जो योजना चल रही है उसमें अगर कोई सुधार की बात होगी या कोई जरूरत होगी तो हम उसमें जरूर सुधार करेंगे। लेकिन किसी भी सूरत में उनके भविष्य के साथ छेड़छाड़ नहीं होने देंगे।’ हालांकि अब राजनाथ सिंह के सुर बदले हुए नजर आ रहे हैं।
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राजनाथ सिंह के बदले सुर
चुनाव से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कह रहे थे कि जरूरत पड़ने पर वे इस योजना में बदलाव करेंगे, वहीं अब सोमवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के दावों को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि 158 संगठनों से सुझाव लेने के बाद इसे लागू किया गया है। जब गांधी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे, तब सिंह ने भी हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अग्निवीरों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलता है।
चुनाव से पहले राजनाथ सिंह जी ने कहा था कि अग्निवीर योजना पर विचार करेंगे और सुधार करेंगे। लेकिन आज सदन में वे कह रहे हैं कि यह योजना सोच-समझकर लाई गई है, क्योंकि दुनिया के कई देशों में भी ऐसी योजनाएं हैं।
राहुल गांधी का जवाब: – बात सीधी है, इनको अग्निवीर पसंद है तो रखिए।…
— Amit Karn (@amitkarn99) July 1, 2024
राहुल और राजनाथ सिंह में तीखी बहस
केंद्रीय मंत्री ने गांधी से संसद को गुमराह न करने को कहा और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अग्निपथ योजना पर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष के दावों को हटाने का अनुरोध किया। सैन्य भर्ती योजना का जिक्र करते हुए गांधी ने दावा किया कि सरकार अग्निवीरों को “बेकार मजदूर” मानती है और उन्हें “शहीद” का दर्जा भी नहीं देती।
इस पर रक्षा मंत्री ने हस्तक्षेप करते हुए कहा, “मैं विपक्ष के नेता से विनम्रतापूर्वक अनुरोध करना चाहूंगा कि वे संसद को गुमराह करने की कोशिश न करें। अग्निवीर योजना के बारे में कई लोगों, 158 संगठनों से सीधा संवाद स्थापित किया गया, उनके सुझाव लिए गए, उसके बाद ही अग्निवीर योजना लाई गई। यह योजना बहुत सोच-समझकर लाई गई है।” सिंह ने आगे कहा, “और, मैं यह भी स्पष्ट करना चाहूंगा कि ऐसी योजनाएं कई देशों में चल रही हैं। अमेरिका में भी योजनाएं हैं, ब्रिटेन में भी योजनाएं हैं। वहां के लोगों को कोई आपत्ति नहीं है। अग्निवीर योजना को समझे बिना, इसके बारे में उचित जानकारी लिए बिना… इस तरह से सदन को गुमराह करना उचित नहीं माना जा सकता।”
क्या है अग्निवीर योजना?
राजनाथ सिंह ने जून 2019 में रक्षा मंत्री का पद संभाला था। रक्षा मंत्री के तौर पर राजनाथ के पहले कार्यकाल के दौरान मोदी सरकार ने जून 2022 में सशस्त्र बलों में कर्मियों की अल्पकालिक भर्ती के लिए अग्निपथ योजना शुरू की थी। इसके तहत 17.5 से 21 वर्ष की आयु के पुरुष और महिला उम्मीदवारों को चार साल के लिए अधिकारी रैंक से नीचे के कैडर में भर्ती किया जाता है। योजना के तहत भर्ती किए गए लोगों को अग्निवीर कहा जाता है। भर्ती किए गए लोगों में से 25 प्रतिशत को 4 साल के बाद 15 साल तक बनाए रखने का प्रावधान है।