Rahul Gandhi News: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार (29 मार्च) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अरबपति दोस्तों के 16 लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ किए, जिससे बैंकिंग सेक्टर पर दबाव पड़ा और अब इसके परिणामस्वरूप बैंक कर्मचारी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। उनका कहना था कि आईसीआईसीआई बैंक के 782 कर्मचारियों की नौकरी चली गई, जो इस कर्ज माफी के फैसले के नकारात्मक प्रभाव का एक बड़ा उदाहरण है।
बैंकिंग सेक्टर में संकट- Rahul Gandhi News
राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा कि भाजपा सरकार की कुप्रबंधन और भाई-भतीजावाद के कारण भारतीय बैंकिंग सेक्टर गंभीर संकट में है। उनका कहना था कि इन फैसलों का असर छोटे और जूनियर कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा पड़ा है, जिनकी नौकरी चली गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इन कर्मचारियों को वित्तीय अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के कारण उत्पीड़न का सामना करना पड़ा और कई कर्मचारियों को जबरन ट्रांसफर किया गया।
The BJP government has written off ₹16 lakh crore in loans for their billionaire friends. Cronyism, coupled with regulatory mismanagement has pushed India’s banking sector into crisis. This burden is ultimately borne by junior employees, who endure stress and toxic work… pic.twitter.com/v9BoxDgQVY
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 29, 2025
यह आरोप राहुल गांधी ने उन 782 बैंक कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद किया, जिन्होंने शुक्रवार को उनसे संसद में मिलकर अपनी समस्याओं को साझा किया। इन कर्मचारियों का कहना था कि उन्हें बिना उचित प्रक्रिया के नौकरी से निकाला गया और उन्हें एक प्रकार से प्रतिशोध का शिकार बनाया गया। इनमें से दो दुखद मामले तो आत्महत्या तक पहुंच गए।
सरकार की नीतियों का परिणाम
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक वीडियो साझा करते हुए कहा, “भा.ज.पा. सरकार ने अपने अरबपति मित्रों के 16 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया, जिससे देश के बैंकिंग सेक्टर पर दबाव पड़ा और इसके परिणामस्वरूप बैंक कर्मचारी इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। कुप्रबंधन और भाई-भतीजावाद ने भारत के बैंकिंग सेक्टर को संकट में डाल दिया है, और इसका बोझ मुख्य रूप से जूनियर कर्मचारियों पर पड़ रहा है।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बैंकिंग सेक्टर में हो रहे वित्तीय घोटालों और अनियमितताओं को उजागर करने के कारण कर्मचारियों के खिलाफ उत्पीड़न बढ़ा। उन्हें बिना किसी वैध कारण के काम से निकाला गया और कई को जबरन स्थानांतरित किया गया। इससे भी ज्यादा दुखद बात यह थी कि इन परिस्थितियों के कारण दो कर्मचारियों ने आत्महत्या कर ली। राहुल गांधी ने इसे भाजपा सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन का परिणाम बताया और इसे बेहद चिंताजनक बताया।
कांग्रेस का रुख
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाएगी और कामकाजी वर्ग के पेशेवरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने का संकल्प लेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार के इन फैसलों से सिर्फ आम जनता और बैंक कर्मचारी ही नहीं, बल्कि देश भर के हजारों ईमानदार कामकाजी पेशेवर भी प्रभावित हो रहे हैं।
राहुल ने यह भी कहा, “कांग्रेस पार्टी इन कामकाजी वर्ग के पेशेवरों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ने और कार्यस्थल पर उत्पीड़न और शोषण को समाप्त करने के लिए इस मुद्दे को पूरी गंभीरता से उठाएगी।”