पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री ‘Prakash Singh Badal’ को तबियत बिगड़ने के कारण हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया हैं। 94 वर्षीय प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सीनियर नेता और संरक्षक हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रकाश सिंह बादल की शनिवार रात तबीयत खराब हो गई थी उन्हें मोहाली के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। उन्होनें ने रात में कई बार उल्टी की, हालांकि अब उनकी हालत स्थिर है। गैस्ट्रिक संबंधी शिकायतों के बाद 6 जून को उन्हें स्नातकोत्तर चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (PGIMER), चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। इस साल की शुरुआत में कोरोना वायरस (Coronavirus) से पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री संक्रमित हो गए थे। उन्हें कोविड के स्वास्थ्य जांच के लिए मोहाली के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया था। जहां उनका कार्डियक और पल्मोनरी चेकअप भी हुआ था।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वस्थ होने की कामना की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने ट्वीट कर प्रकाश सिंह बादल की जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। नरेंद्र मोदी ने रविवार को ट्वीट कर लिखा- शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हुए उनके जल्द से जल्द ठीक होने की प्रार्थना की है।
प्राकाश सिंह बादल का राजनीतिक सफर
प्रकाश सिंह बादल (Prakash Singh Badal) को पंजाब की राजनीति के बेहद सम्माननीय वरिष्ठ व्यक्ति का दर्जा दिया जाता है। वह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके हैं एवं शिरोमणी अकाली दल के प्रमुख हैं। उनका जन्म 8 दिसंबर 1927 को पंजाब के छोटे से गांव अबुल खुराना के जाट सिख परिवार में हुआ था। प्रकाश सिंह बादल पंजाब के 5 बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वर्ष 1947 में उन्होंने राजनीति में पहली बार कदम रखा था। उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1957 में जीता था। फिर 1969 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। वर्ष 1969-1970 तक प्रकाश सिंह बादल ने सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेयरी आदि से संबंधित मंत्रालयों में कार्यकारी मंत्री के रूप में काम किया।
प्रकाश सिंह बादल 1970–71, 1977–80, 1997–2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री और 1972, 1980 और 2002 में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रह चुके हैं। मोरारजी देसाई के शासन काल में प्रकाश सिंह बादल पहली बार सांसद भी बने थे। इनका बतौर मुख्यमंत्री कार्यकाल 1 मार्च 2007 से 2017 तक रहा है। इसके बाद इन्होनें अपनी राजनीतिक विरासत अपने बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी। इस साल की शुरुआत में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में इनकी पार्टी को शिरोमणि अकाली दल को करारी हार का सामना करना पड़ा था। शिअद को 2022 के विधानसभा में सिर्फ 3 सीटों पर जीत मिली थी। इस चुनाव में शिअद, बसपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ीं थी। कहीं ना कहीं ऐसा लग रहा हैं कि पंजाब में शिरोमणी अकाली दल का अस्तित्व पंजाब की राजनीति में धूमिल होता जा रहा हैं। उनके बेटे की राजनीति में वह बात नहीं नजर आ रहीं जो प्रकाश सिंह बादल में हुआ करती थी।