छत्तीसगढ़ के रायपुर में बीते दिनों आयोजित धर्म संसद में महात्मा गांधी पर दिए गए विवादित बयान मामले ने लगातार तूल पकड़ा हुआ है। इस मामले में गुरुवार को रायपुर पुलिस ने बड़ा एक्शन लेते हुए संत कालीचरण महाराज को मध्य प्रदेश के खजुराहो से अरेस्ट कर दिया गया। कालीचरण की गिरफ्तारी भी इस वक्त काफी सुर्खियों में है। वहीं इसको लेकर अब दो राज्य मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की सरकारें आमने-सामने आ गई। एक तरफ मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने हुई गिरफ्तारी का विरोध करते हुए इस पर सवाल खड़े किए है, तो छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की तरफ से भी इस पर जवाब दिया गया है।
दरअसल, कालीचरण की गिरफ्तारी पर एमपी के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए नियमों का पालन नहीं किया। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा- ‘छत्तीसगढ़ पुलिस ने संघीय मर्यादाओं का उल्लंघन किया है। छत्तीसगढ़ पुलिस को गिरफ्तारी के पहले मध्य प्रदेश पुलिस को सूचना देनी चाहिए थी या छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें नोटिस देकर भी बुला सकती थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।’
यही नहीं इस गिरफ्तारी को लेकर तो नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश के DGP को ये निर्देश भी दिए कि जिस तरह से मध्य प्रदेश में आकर ये गिरफ्तारी की गई, उस पर छत्तीसगढ़ पुलिस के सामने आपत्ति दर्ज कराई जाएं कि इस तरह की गिरफ्तारी आपत्तिजनक है। ये इंटर स्टेट प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार को ये नहीं करना चाहिए था
वहीं गिरफ्तारी के तरीके पर सवाल उठाने को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम की तरफ से भी जवाब सामने आया। उन्होंने कहा कि नियमों के तहत ये कार्रवाई की गई। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि पुलिस की तरफ से कालीचरण के परिवार को सूचना दी गई थी। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद वो पुलिस के सामने पेश नहीं हुए। जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया गया। 24 घंटे के अंदर कालीचरण को कोर्ट में पेश किया जाएगा। आगे भूपेश बघेल ने नरोत्तम मिश्रा से सवाल करते हुए ये भी पूछा कि पहले उनको ये बताना चाहिए की वो महात्मा गांधी को गाली देने वाले की गिरफ्तारी से खुश है या नहीं।