छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में उप सरपंच की हत्या के सिलसिले में हिरासत में लिए गए 27 वर्षीय आरोपी प्रशांत साहू की अज्ञात कारणों से हुई मौत की आपराधिक जांच शुरू कर दी गई है। यह जानकारी गुरुवार को पुलिस अधिकारियों ने दी। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद कबीरधाम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार (प्रशिक्षु आईपीएस अधिकारी) को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, प्रशांत साहू की मौत को लेकर अब राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने जेल में बंद हत्या के संदिग्ध की मौत पर चिंता व्यक्त की है। इस बीच, भाजपा नेता की हत्या के संदिग्ध प्रशांत साहू का गुरुवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया। प्रशांत साहू के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत कई कांग्रेस नेता उनके गांव पहुंचे। इस दौरान उन्होंने परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। भूपेश बघेल के मुताबिक इस स्थिति के लिए प्रशासन और पुलिस जिम्मेदार है। उन्होंने अपराधियों को कड़ी सजा देने की बात कही है।
ये है मामला
पुलिस के अनुसार, रविवार को हिरासत में लिए गए 69 लोगों में साहू भी शामिल था। खबरों की मानें तो रेंगाखार पुलिस थाने के अधिकार क्षेत्र में आने वाले लोहारीडीह गांव में उप सरपंच रघुनाथ साहू के घर में आग लगाकर उसकी हत्या करने के आरोप में साहू को हिरासत में लिया गया था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, प्रारंभिक जांच से पता चला है कि रघुनाथ साहू पर इसलिए हमला किया गया कि क्योंकि किसी को लगा कि उन्होंने एक अन्य ग्रामीण कचरू साहू की हत्या कर दी है। कचरू साहू का शव पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बीजाटोला गांव में एक पेड़ से लटका मिला।
ग्रामीणों ने उप सरपंच के घर को जलाया
पड़ोसी मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के बीजाटोला गांव में कचरू साहू का शव पेड़ से लटकता हुआ मिला। इस घटना के बाद भीड़ ने रघुनाथ साहू के घर पर धावा बोल दिया और घर में आग लगा दी। पुलिस रघुनाथ साहू के तीन घायल परिजनों को बचाने पहुंची, जिसमें उनकी पत्नी भी शामिल थीं, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया। आगजनी की घटना के बाद गांव में पहुंची पुलिस पर भी भीड़ ने हमला कर दिया। कबीरधाम जिले के पुलिस अधीक्षक अभिषेक पल्लव समेत कई पुलिस अधिकारी भी घायल हुए। इस घटना के बाद पुलिस ने लोहारीडीह गांव के 40 ग्रामीणों को हिरासत में ले लिया। रविवार को प्रशांत साहू और अन्य ग्रामीणों को हिरासत में लिया गया। हिरासत में रहने के दौरान उसकी तबीयत खराब हो गई, जिसके चलते उसे अस्पताल लाया गया।
शराब पीने का आदी था साहू
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि साहू को दौरे पड़ते थे और वह शराब का आदी था। अधिकारियों ने बताया, “मंगलवार को साहू को फिर से जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया और उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई। अगले दिन उसकी हालत बिगड़ गई।” उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत का सही कारण पता चलेगा। घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
एक अधिकारी निलंबित
पुलिस सूत्रों के अनुसार, कबीरधाम जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विकास कुमार को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया है। गृह मंत्री विजय शर्मा ने उसी समय घोषणा की कि सरकार पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा देगी।
परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा
शर्मा ने कहा, “मुख्यमंत्री ने प्रशांत साहू के परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने की भी घोषणा की है। इसके अलावा, इसी हत्या के मामले में गिरफ्तार किए गए उनके परिवार के सदस्यों को भी उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी।”
कांग्रेस ने साधा निशाना
प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने हिरासत में हुई मौत से जुड़ी स्थिति की जांच के लिए एक टीम गठित की है। कांग्रेस विधायक और पार्टी की जांच टीम के संयोजक दलेश्वर साहू ने बुधवार रात मीडिया को दिए बयान में दावा किया, “प्रशांत साहू के शरीर पर चोट के निशान देखे गए हैं, जिससे साफ पता चलता है कि पुलिसकर्मियों ने उनकी बेरहमी से पिटाई की है। प्रथम दृष्टया ऐसा लगता है कि पुलिस की प्रताड़ना के कारण उनकी मौत हुई है।”
भूपेश बघेल ने कहा- शरीर में चोट के निशान
इस घटना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी बयान आया है। भूपेश बघेल के अनुसार प्रशांत के शरीर पर चोट के निशान हैं, जो इस बात के सबूत हैं कि पुलिस ने उसे बुरी तरह पीटा है। उसकी मां और भाई समेत कई स्थानीय लोगों को पुलिस ने प्रताड़ित किया है। बघेल ने आगे कहा कि निर्दोष लोगों के साथ जानवरों जैसा व्यवहार करने के बजाय अपराधियों को पकड़ना पुलिस की जिम्मेदारी है। परिवार से मिलने के बाद भूपेश बघेल ने उन्हें सांत्वना दी। बघेल ने बताया कि मैंने स्थानीय लोगों से बात की। सभी इस बात पर सहमत हैं कि पुलिस की बर्बरता खत्म होनी चाहिए।
प्रशांत के पूरे शरीर में चोटों के निशान हैं, उसके शरीर के जख्म इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पुलिस ने बेहद बर्बरता से मारा है.
उसके भाई-मां सहित बहुत से ग्रामीणों के साथ पुलिस ने बेहद अत्याचार किया है.
पुलिस का काम अपराधियों को पकड़ना है ना कि बेगुनाहों के साथ जानवरों से भी… pic.twitter.com/OngWKiV5u5
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) September 19, 2024
पीट-पीटकर मार डाला
भूपेश बघेल ने आगे कहा, ‘छत्तीसगढ़ में ऐसी पुलिस बर्बरता कभी नहीं देखी गई। प्रशांत साहू की पिटाई से हत्या के बाद, यह बात सामने आई है कि उनकी मां को भी पुलिस ने प्रताड़ित किया, जिससे वह चलने में असमर्थ हो गईं और उनके शरीर पर निशान पड़ गए। भले ही उन्हें खून की उल्टी हो रही हो, लेकिन फिर भी उन्हें जेल में काम करना पड़ रहा है।’