सालों से चल रहे सीमा मुद्दे पर आपस में भिड़े मुख्यमंत्री
एक तरफ देश जहां पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद को लेकर कई दशकों से परेशान है, वहीं दूसरी तरफ हमारे राज्य और राज्य के मुख्यमंत्री, राज्यों के सीमा विवाद को लेकर एक दूसरे को आंखे तरेर रहे हैं। हाल ही में महारष्ट्र (Maharashtra) और कर्नाटक (Karnataka) के बीच सालों से चल रहे सीमा मुद्दे पर राजनीतिक जंग शुरू हो गई है। चौंकाने वाली बात यह है की दोनों राज्यों में भाजपा (BJP) की सरकार किसी-न-किसी रूप से काबिज है।
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कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा मुद्दे पर तेज़ हुई राजनीति
बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka Chief Minister Basavaraj Bommai) ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Maharashtra Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis) की बातों पर टिपण्णी करते हुए कहा था कि, “महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कर्नाटक महाराष्ट्र सीमा मुद्दे पर भड़काऊ बयान दिया है और उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा. हमारी सरकार देश की जमीन, पानी और सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
इससे पहले फडणवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र का कोई गांव कर्नाटक की सीमाओं में नहीं जाएगा। बेलगाम-कारवार-निपानी (Belgaum-Karwar-Nipani) सहित मराठी भाषी गांवों को पाने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट तक में मजबूती से लड़ाई लड़ेगी।
उद्धव ठाकरे देख रहे अपना फायदा
वही दूसरी तरफ महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (former Chief Minister of Maharashtra Uddhav Thackeray) इन सरकारों के बीच हो रही तना-तनी में अपना राजनीतिक फायदा देखना शुरू कर दिया है। गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद पर की गई टिप्पणी की निंदा करते हुए कहा कि, “बोम्मई पर भूत सवार हो गया है। ऐसा लगता है की कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोम्मई पर महाराष्ट्र के 40 गांवों पर अचानक दावा करने के लिए कोई भूत सवार हो गया है। उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र के भाजपा और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde)सरकार को घेरते हुए कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे में कर्नाटक के मुख्यमंत्री के खिलाफ बोलने का साहस नहीं है। ठाकरे ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘क्या हमने अपना साहस खो दिया है, क्योंकि कर्नाटक के मुख्यमंत्री आसानी से महाराष्ट्र के गांवों पर दावा कर रहे हैं।’
केंद्र को तुरंत हस्तक्षेप करने की जरूरत
अजित पवार ने इस मुद्दे पर अपना प्रतिक्रिया देते हुए, कहा कि “सांगली जिले में जाट तालुका के गांवों पर दावा करने के बाद, अब कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने अक्कलकोट और सोलापुर पर भी दावा किया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री के बयान की मैं कड़ी निंदा करता हूं, हमारे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसका कड़ा जवाब देना चाहिए। पवार ने दोनों राज्यों के इस मुद्दे पर केंद्र सरकार (Central Government) को तुरंत हस्तक्षेप करने का अनुरोध भी किया है।