गुजरात दंगे 2002 में हुए मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पीएम नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी है। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी और 63 अन्य लोगों को SIT की क्लीन चिट को चुनौती देने वाली जाकिया जाफरी की याचिका भी खारिज कर दी।
इस मामले में अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुप्पी तोड़ी है। अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी पर सभी आरोप लगे गलत है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने वालों से मांफी मांगने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हमेशा ही कानून का साथ दिया है। इसके अलावा उन्होंने 2002 में हुए गुजरात दंगो का मुख्य कारण ट्रेन जलने को बताया।
अमित शाह ने गुजरात दंगों पर कहा
अमित शाह ने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए बताया कि दंगों का मुख्य कारण गोधरा ट्रेन को जला देना था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 16 दिन की बच्ची और 60 लोगों को जलते मैंने देखा है। अंतिम संस्कार भी मैने ही किया है। इसके बाद जो दंगे हुए वो राजनीति से प्रेरित थे।
शाह ने पीएम को दर्द झेलते देखा
अमित शाह ने आगे कहा कि “मैंने मोदी जी को नजदीक से इस दर्द को झेलते हुए देखा है क्योंकि न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी तो सब कुछ सत्य होने के बावजूद भी हम कुछ नहीं बोलेंगे। बहुत मजबूत मन का आदमी ही ये स्टैंड ले सकता है। 18-19 साल की लड़ाई और आज अंत में सत्य सोने की तरह चमकता हुआ आ रहा है।”
आरोप लगाने वाले पीएम से मांगे माफी
अमित शाह ने आगे कहा कि शाह ने कहा, “मोदी जी से भी पूछताछ हुई थी लेकिन तब किसी ने धरना-प्रदर्शन नहीं किया था और हमने कानून को सहयोग दिया और मेरी भी गिरफ्तारी हुई थी लेकिन कोई भी धरना-प्रदर्शन नहीं हुआ था। जिन लोगों ने मोदी जी पर आरोप लगाए थे अगर उनकी अंतरात्मा है तो उन लोगों को मोदी जी और बीजेपी नेता से माफी मांगनी चाहिए।”
अमित शाह ने ये भी कहा कि “हमारा मानना था कि हमें कानूनी प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। अगर एसआईटी सीएम से सवाल करना चाहती है तो सीएम खुद सहयोग करने को तैयार है तो फिर आंदोलन किस चीज का?”
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 2002 में गोधरा हत्याकांड के दूसरे दिन हुए गुजरात दंगों के दौरान दंगाईयों ने गुलबर्ग सोसायटी पर हमला कर दिया था। कई लोगों को जिंदा जला दिया गया और इसमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफ़री समेत 69 लोग भी मारे गए। जिसके बाद ही एहसान जाफ़री की पत्नी ज़किया जाफ़री ने आरोप लगाया कि पति ने पुलिस औऱ तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई थी, पर कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। जिसके बाद 2006 में पुलिस महानिदेशक के द्वारा ज़किया से नरेंद्र मोदी के साथ बाकी के 63 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज करने की अपील को नामंजूर कर दिया गया। 2007 में उन्होंने फिर हाईकोर्ट का रूख लिया और वहां भी सुनवाई नहीं हुई। वहीं 2008 में ज़किया जाफ़री के साथ गैर सरकारी संगठन सिटिजेन्स फॉर जस्टिस एंड पीस एकजुट होकर सुप्रीम कोर्ट पंहुचे। जिसके बाद 2009 में सुप्रीम कोर्ट ने गठित SIT को दंगों की जांच के आदेश दिए। जांच के बाद 2012 में SIT ने अहमदाबाद के निचली अदालत में अपनी रिपोर्ट सौप दी। जिसके बाद SIT के पास पर्याप्त सबूत न जुटा पाने के कारण उन्होंने पीएम मोदी को क्लीन चिट दे दी।
इस मामले में अब केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने चुप्पी तोड़ी है। अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी पर सभी आरोप लगे गलत है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिका को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अमित शाह ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाने वालों से मांफी मांगने की बात कही। उन्होंने आगे कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने हमेशा ही कानून का साथ दिया है। इसके अलावा उन्होंने 2002 में हुए गुजरात दंगो का मुख्य कारण ट्रेन जलने को बताया।