Narayan Singh Babbar Khalsa: पंजाब में बुधवार सुबह एक बड़ी घटना घटी, जिसमें शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल पर हमला करने की कोशिश की गई। यह घटना उस समय हुई जब सुखबीर सिंह बादल श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा धार्मिक दंड के तौर पर स्वर्ण मंदिर में गार्ड ड्यूटी पर तैनात थे। हमलावर का नाम नारायण सिंह चौड़ा है, जिसने स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) पहुंचकर सुखबीर सिंह बादल को गोली मारने की कोशिश की, लेकिन वह बाल-बाल बच गए।
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घटना के बाद मंदिर में मौजूद सेवादारों और पुलिस कर्मियों ने तत्परता दिखाते हुए हमलावर को पकड़ लिया। इस घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आपराधिक इतिहास वाला कोई व्यक्ति स्वर्ण मंदिर में हथियार लेकर कैसे पहुंच गया? इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि सुखबीर सिंह बादल को जेड प्लस सुरक्षा मिली हुई है, फिर भी ऐसी घटना हो गई।
सजा काट रहे हैं सुखबीर सिंह बादल- Narayan Singh Babbar Khalsa
सुखबीर सिंह बादल (Attack on Sukhbir Singh Badal) को सर्वोच्च सिख संस्था श्री अकाल तख्त साहिब ने 2015 में बेअदबी मामले में धार्मिक सजा दी थी। इस सजा के तहत वे फिलहाल स्वर्ण मंदिर में सेवा कर रहे हैं। यह धार्मिक सजा एक प्रतीकात्मक कदम था, जो उनकी राजनीतिक और धार्मिक जिम्मेदारियों के प्रतीक के तौर पर उठाया गया था।
सुखबीर सिंह बादल पंजाब की राजनीति में एक प्रमुख नाम हैं। उनके पिता प्रकाश सिंह बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। सुखबीर सिंह बादल खुद भी पंजाब के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख के तौर पर उनकी बड़ी पहचान है।
हमलावर का आपराधिक इतिहास
नारायण सिंह चौड़ा जो एक कुख्यात अपराधी है, उसके खिलाफ 20 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार हमलावर नारायण सिंह चौड़ा बब्बर खालसा इंटरनेशनल (Babbar Khalsa International) का आतंकवादी रहा है। वह 2018 में जेल से बाहर आया था और खालिस्तान लिबरेशन आर्मी (केएलएफ) जैसे आतंकी संगठन से जुड़ा था।
हालांकि, यह संगठन अब सक्रिय नहीं है। चौरा को 2004 में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी ठहराया गया था और कई गंभीर अपराधों में शामिल होने के कारण उसे गिरफ्तार किया गया था। चौरा का पैतृक स्थान गुरदासपुर है और वह कभी पंजाब के कई हिस्सों में आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों में शामिल था। अपनी हरकतों के कारण वह सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा खतरा बना हुआ था।
UAPA के तहत दर्ज हैं कई मामले
नारायण सिंह को आतंकवादी अभियानों में शामिल होने के कारण कई बार जेल भेजा गया है और उसके खिलाफ UAPA के तहत कई मामले दर्ज हैं। पुलिस का दावा है कि नारायण सिंह 1984 में पाकिस्तान गया था और संघर्ष के दौरान पंजाब को विस्फोटक और हथियार मुहैया कराने में अहम भूमिका निभाई थी। पाकिस्तान में रहने के दौरान उसने गुरिल्ला युद्ध के बारे में एक किताब भी लिखी थी।
1990 के दशक के मध्य में भारत लौटने के बाद, वह कई आतंकवादी हमलों में शामिल हो गया। उसे पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्यारों को जेल में रहते हुए सेल फोन और अन्य प्रतिबंधित सामान मुहैया कराने के लिए भी हिरासत में लिया गया था।
नारायण सिंह को आखिरी बार 2022 में जमानत पर रिहा किया गया था और उनके खिलाफ अमृतसर, रोपड़ और तरनतारन सहित पंजाब के कई जिलों में मामले अभी भी लंबित हैं।
फायर मिस हो गया: भुल्लर
पंजाब पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर के अनुसार सुखबीर सिंह बादल को उचित सुरक्षा दी गई है। उन्होंने कहा कि फायर मिस हो गया और पुलिस अधिकारियों ने साजिश को रोक दिया। नारायण सिंह चौड़ा को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की हर पहलू से जांच कर रही है। कमिश्नर ने पंजाबियों से शांति बनाए रखने और पुलिस की मदद करने की अपील की है।