Murli Manohar Joshi sexual harassment case: वरिष्ठ पत्रकार और इतिहास की प्रोफेसर नीलम महाजन सिंह (Senior journalist Neelam Mahajan Singh) ने हाल ही में फेसबुक पर एक विस्तृत पोस्ट के माध्यम से राजनीति और मीडिया में व्याप्त यौन उत्पीड़न और हिंसा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके बयान में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी पर 30 साल पहले किए गए शारीरिक और यौन शोषण के संगीन आरोप शामिल हैं।
जोशी पर गंभीर आरोप- Murli Manohar Joshi sexual harassment case
नीलम महाजन सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा कि मुरली मनोहर जोशी ने 30 साल पहले उन्हें 24, रकाबगंज रोड स्थित अपने सरकारी निवास पर बुलाया था, जहां उन्होंने नीलम के साथ शारीरिक और मानसिक हिंसा की। नीलम के अनुसार, “जोशी ने मेरे सिर को दीवार पर बार-बार पटका, बाल खींचे और पेट में लात मारी, जिससे मेरी आंतें और नसें फट गईं।”
उन्होंने कहा कि इस घटना का गवाह जोशी के तत्कालीन पीए तरुण मिश्रा थे, जिन्हें नीलम ने “उनका पालतू पपी” कहा। नीलम ने यह भी आरोप लगाया कि घटना के बाद उन्हें गंभीर चोटें आईं और वह खून से लथपथ बेहोश हो गईं।
न्याय प्रणाली में बाधाएँ
नीलम महाजन सिंह ने कहा कि इस मामले में उन्हें न्याय पाने के लिए पुलिस, अदालत और अस्पताल का सहारा लेना पड़ा, लेकिन मुरली मनोहर जोशी की राजनीतिक ताकत के कारण न तो एफआईआर दर्ज हो पाई और न ही उन्हें न्याय मिला। उन्होंने लिखा, “दिल्ली पुलिस ने शिकायत लेने से इनकार कर दिया। अदालत में मामला गया, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते इंसाफ अधूरा रह गया।”
मीडिया और राजनीति में शोषण का दंश
नीलम ने अपने बयान में अन्य वरिष्ठ नेताओं और पत्रकारों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि “द वीक” पत्रिका के तत्कालीन संपादक टी.वी.आर. शेनॉय और एनसीपी नेता दिवंगत देवी प्रसाद त्रिपाठी ने भी उनके साथ यौन उत्पीड़न किया।
वरिष्ठ BJP नेता मुरली मनोहर जोशी पर महिला पत्रकार ने लगाया यौन शोषण का आरोप…?
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) January 11, 2025
शेनॉय के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने पद और प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर नीलम को शारीरिक संबंध बनाने के लिए उकसाया और इनकार करने पर उनके करियर को नुकसान पहुंचाने की धमकी दी।
#MeToo आंदोलन की तारीफ
नीलम ने अपने पोस्ट में #MeToo आंदोलन को महिलाओं के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने लिखा, “यह आंदोलन न केवल महिलाओं को उनकी आवाज़ देने का माध्यम बना, बल्कि पुरुषों के खिलाफ भी अन्याय को उजागर करने का जरिया बना।”
मुरली मनोहर जोशी की स्थिति
आज 92 वर्षीय मुरली मनोहर जोशी बिस्तर पर हैं और चलने-फिरने में असमर्थ हैं। इस पर टिप्पणी करते हुए नीलम ने लिखा, “आपके कर्मों को न तो मैं भूल सकती हूँ और न माफ कर सकती हूँ। यह जीवन और उसके बाद भी जारी रहेगा।”
नीलम की अपील और सवाल
नीलम महाजन ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार से सवाल किया कि क्या महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले नेताओं को सजा मिलेगी। उन्होंने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की सार्थकता पर भी सवाल उठाया और कहा कि यदि इस अभियान को सफल बनाना है, तो महिलाओं के साथ हो रहे अपराधों पर सख्ती से कार्रवाई करनी होगी।
सार्वजनिक प्रतिक्रिया
नीलम के इस खुलासे के बाद राजनीति और मीडिया जगत में हलचल मच गई है। सोशल मीडिया पर उनके बयान को लेकर बड़ी संख्या में प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई लोग उनके साहस की सराहना कर रहे हैं तो कुछ सवाल कर रहे हैं कि इतने सालों बाद इस मामले को क्यों उठाया गया।