समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव की दूसरी पत्नी साधना यादव का आज लखनऊ के पिपरा घाट पर अंतिम संस्कार संपन्न हुआ। मुलायम सिंह के बेटे प्रतीक यादव ने मुखाग्नि दी। इस दौरान मुलायम सिंह यादव, अखिलेश, शिवपाल और रामगोपाल मौजूद रहे।
साधना यादव के अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में मुलायम समर्थक पिपरा घाट पर पहुंचे। मुलायम सिंह यादव भी इस मौके पर श्मशान घाट पर पहुंचे। इस दौरान मुलायम सिंह यादव की तबीयत ठीक नहीं थी। वे पिछले दिनों से भी काफी बीमार थे। हालांकि साधना यादव से मुलायम सिंह यादव का काफी लगाव था और ये उनके अखिरी पलों तक देखने को मिला। तबीयत खराब होने के बावजूद मुलायम पहुंचे जहां उनके समर्थकों ने श्मशान घाट पर नारेबाजी की।
प्रतीक यादव ने दी मुखाग्नि
साधना यादव के अंतिम संस्कार के दौरान सपा अध्यक्ष और उनके बड़े पुत्र अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान घाट पर शिवपाल यादव भी नजर आए। मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना यादव की चिता को मुखाग्नि मुलायम और साधना के बेटे प्रतीक यादव ने दी। गौरतलब है कि उनका अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान के साथ पिपरा घाट पर किया गया।
साधना के साथ दूसरी शादी
सपा पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने साधना यादव के साथ साल 2003 में शादी की थी। जाहिर है कि पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद ही उन्होंने अपने इस रिश्ते को एक नाम दिया था। मुलायम सिंह अपनी दूसरी पत्नी साधना यादव को लकी मानते थे। वहीं माना जाता है कि एक बार मूर्ति देवी को सही इंजेक्शन नहीं दिया जा रहा था, तभी साधना ने रोक दिया। यही देखते हुए मुलायम सिंह को साधना से प्यार हुआ था।
मुलायम सिंह की पहली शादी कब हुई
सपा नेता मुलायम सिंह यादव की पहली शादी साल 1957 में हुई थी। उस समय उनकी उम्र सिर्फ 18 साल थी और वे दसवीं में पढ़ते थे। जबकि मालती देवी उस समय सिर्फ 14 साल की थीं। वहीं शादी के 5 साल बाद मालती देवी का गौना हुआ था। जिसके बाद मालती देवी ने साल 1973 में अखिलेश यादव को जन्म दिया था। बेटे के जन्म के बाद वे काफी ज्यादा बीमार रहने लगीं थी। वहीं 24 मई 2003 को मालती देवी का सैफई में निधन हो गया। निधन के समय मालती देवेी की उम्र 60 थीं।
SC में हलफनामे के बाद साधना के साथ रिश्ते को जगजाहिर किया
कहा जाता है कि अखिलेश यादव के जन्म के 9 साल बाद मुलायम की साधना गुप्ता से मुलाकात हुई थी। दोनों की मुलाकात अपनी मां मूर्ति देवी का इलाज कराने के दौरान साल 1982 में हुई। उस समय साधना गुप्ता नर्स हुआ करती थीं। एक समय ऐसा भी आया जब साल 1989 में मुलायम के पहली बार मुख्यमंत्री बनने के दौरान दो पत्नी होने की अफवाहें उड़ी थी। जैसे तैसे इसे दबा दिया गया। हालांकि साल 2007 में मुलायम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में एफिडेविट के जरिए साधना गुप्ता और प्रतीक को अपने परिवार के रूप में स्वीकार लिया। जिसके बाद ये रिश्ता दुनिया के सामने आया था। उस समय अखिलेश यादव ने इसका कड़ा विरोध किया था।
तीन दिन पहले कराया गया था भर्ती
बता दें कि मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हुआ। 3 दिन पहले ही उन्हें फेफड़ों में संक्रमण होने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें 3 दिन पहले से ही सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिसके बाद मेदांता अस्पताल के आईसीयू में 3 दिनों तक इलाज चला। लेकिन शनिवार को उनकी हालत बिगड़ गई और दोपहर करीब डेढ़ बजे साधना के देहांत की खबर सामने आई।