यूपी चुनाव के लिए बसपा प्रमुख मायावती ने अपने प्रचार का आगाज किया। मायावती ने आगरा में पहली रैली को संबोधित किया। इस दौरान वो बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को भी निशाने पर लिया। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि बसपा इन चुनावों में अपने दम पर सरकार बनाना चाहती है।
इस रैली में बसपा ने मीडियो के लोगों को भी संबोधिया करते हुए कहा कि मीडिया के जो साथी पूछते हैं कि बहनजी कहां हैं? मैं उनसे कहना चाहूंगी कि बहनजी अपनी पार्टी को मजबूत करने में व्यस्त थी। बसपा का विश्वास बोलने में कम और करने में ज्यादा है। यही नहीं इस दौरान मायावती ने तमाम ओपिनियन पोल्स पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ओपिनियन पोल्स गलत दिखाते हैं। असल में बसपा नंबर 1 की पार्टी बनेगी।
मायावती ने आगे कहा कि यूपी चुनाव में बसपा सभी सीटों पर अकेले मैदान में उतरी है, जिससे 2007 की ही तरह पूर्ण बहुमत के साथ बसपा की सरकार बनें।
बीजेपी को निशाने पर लेते हुए मायावती ने कहा कि बीजेपी की अधिकांश नीतियां जातिवादी-पूंजीवादी और RSS के संकीर्ण अजेंडे पर केंद्रित रही। धर्म के नाम पर तनाव-नफरत का माहौल बढ़ा। हर स्तर पर प्रदेश में अपराध बढ़े। दलित-महिलाएं सुरक्षित नहीं। मीडिया में इनके आंकड़े को दबा दिया जाता है।
इसके अलावा सपा को घेरते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि समाजवादी पार्टी के राज में गुंडाराज था क्योंकि उसके शासन में दंगों को हवा दी गई। मायावती ने ये भी आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर दंगों के पीछे सपा का हाथ था। सपा के कामों से सिर्फ एक ही पार्टी को फायदा होता है।
वहीं इस दौरान मायावती ने कांग्रेस को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने शासन काल में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित नहीं किया था। मायावती ने यह भी आरोप लगाया कि बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के निधन पर राष्ट्रीय शोक की घोषणा भी कांग्रेस ने नहीं की। कई बार दलितों और अन्य अनुसूचित जातियों को रिझाने के लिए ड्रामा रचती है।