उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए सभी पार्टियां मैदान में उतर आई है। चाहे वो बीजेपी हो या सपा या फिर कांग्रेस ही क्यों ना हर पार्टी की तरफ से बड़ी बड़ी रैलियों की जा रही है। हर पार्टी के बड़े नेता चुनावी अखाड़े में उतर आए। दूसरे नेताओं की तुलना में मायावती इस बार कम एक्टिव नजर आ रही हैं। इस दौरान बहुजन समाजवादी पार्टी (BSP) उतनी एक्टिव इन चुनावों में दिख नहीं रही। BSP की तरफ से चुनावी रैलियां भी नहीं की जा रही। इसके पीछे की वजह क्या है? इस सस्पेंस से अब पर्दा उठ गया है।
खुद BSP सुप्रीमो मायावती ने ताबड़तोड़ रैली नहीं करने की वजह बताई। मायावती ने इस पर कहा कि उनकी पार्टी गरीबों की पार्टी है। दूसरी पार्टियों की तरह उनके पास धन नहीं है। अगर वो रैलियां करेंगी तो आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा, इसलिए बसपा दूसरी पार्टियों की नकल नहीं कर रही और ताबड़तोड़ रैलियां नहीं कर रही।
नए साल पर मायावती ने देश की जनता और पार्टी के लोगों को बधाई दी। इसके अलावा वो केंद्र और योगी सरकार पर भी जमकर बरसती नजर आई। मायावती ने कहा कि केंद्र-राज्य सरकार चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले हवा-वाई घोषणाएं, वादें और शिलान्यास करती हैं, जिससे जनता का पैसा पानी की तरह बहा दिया जाता है। यूपी, उत्तराखंड और पंजाब में ऐसा ही देखने को मिल रहा है। ठंड में जो गर्मी चढ़ी है, वो गरीब के पैसे की ही गर्मी है। वो सरकारी खजाने की गर्मी चढ़ी है। पार्टी अगर सत्ता में नहीं होती तो वो ताबड़तोड़ जनसभा नहीं कर पाती।
आगे मायावती ने ये भी कहा कि मैं दूसरी पार्टियों की नकल करते हुए जनसभा करती हूं तो हम आर्थिक बोझ नहीं उठा पाएंगे। हमारी पार्टी मूवमेंट वाली है। गरीबों की पार्टी है। दूसरी पार्टी की तरह धन वाली पार्टी नहीं। हमारी कार्यशैली अलग है, जिसे हम बदलना नहीं चाहते हैं। चाहे विरोधी कितना भी कटाक्ष क्यों ना करें। दूसरी पार्टी को हमारी नहीं अपनी चिंता करें।