उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कई बड़ी पार्टियों का प्रदर्शन बेहद ही खराब रहा। कभी यूपी की सत्ता पर काबिज रहने वाली मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) का चुनाव में बहुत बुरा हाल हुआ। पार्टी केवल एक ही सीट पर जीत दर्ज करने में कामयाब हो पाई। यूपी चुनाव में BSP का सूपड़ा साफ होने के बाद पॉलिटिकल भविष्य पर चर्चाएं शुरू हो गई है।
यूपी चुनाव के रिजल्ट आने के बाद अब BSP प्रमुख मायावती ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि BSP के प्रवक्ता अब टीवी डिबेट का हिस्सा नहीं बनेंगे। मायावती ने मीडिया पर जातिवादी रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे BSP के मूवमेंट को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हुई।
शनिवार सुबह मायावती ने अपने ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से दो ट्वीट किए। जिसमें उन्होंने कहा- “यूपी विधानसभा आमचुनाव के दौरान मीडिया द्वारा अपने आक़ाओं के दिशा-निर्देश में जो जातिवादी द्वेषपूर्ण व घृणित रवैया अपनाकर अम्बेडकरवादी बीएसपी मूवमेन्ट को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है वो किसी से भी छिपा नहीं है। इस हालत में पार्टी प्रवक्ताओं को भी नई जिम्मेदारी दी जाएगी। इसलिए पार्टी के सभी प्रवक्ता श्री सुधीन्द्र भदौरिया, श्री धर्मवीर चौधरी, डा. एम एच खान, श्री फैजान खान व श्रीमती सीमा कुशवाहा अब टीवी डिबेट आदि कार्यक्रमों में शामिल नहीं होंगे।”
इससे पहले भी मायावती ने अपनी हार का ठीकरा मीडिया पर फोड़ने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि बसपा को बीजेपी की B टीम के तौर पर दिखाने वाली मीडिया के आक्रामक प्रचार ने मुसलमानों और भाजपा विरोधी मतदाताओं को दूर कर दिया। हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि चुनाव के नतीजे उम्मीदों के विपरीत है, लेकिन इससे निराश नहीं होना। इससे सबक लेने और आत्मनिरीक्षण करने की जरूरत है। साथ ही हमें अपने पार्टी आंदोलन को आगे बढ़ाना चाहिए और सत्ता में वापस आना चाहिए।
गौरतलब है कि यूपी चुनाव में BSP का प्रदर्शन बेहद ही खराब है। पार्टी ने सिर्फ 1 ही सीट पर जीत दर्ज की। जबकि 2017 के विधानसभा चुनावों में BSP को 19 सीटें मिली थीं। इस बार BSP को 13 फीसदी से भी कम वोट मिले हैं। पार्टी का कोर वोटर भी अब उससे छिटक चुका है।