यूपी चुनाव के मतदान से पहले आज का दिन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के लिए काफी बड़ा रहा। शुक्रवार को बीजेपी छोड़ कई विधायकों ने सपा का दामन थाम लिया। योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) समेत 8 बागी विधायक सपा में आ गए। इन नेताओं को पार्टी ज्वॉइन कराने के लिए एक बड़े कार्यक्रम का आयोजन हुआ। लेकिन अब इसको लेकर ही समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मुश्किल में फंस सकते हैं। क्योंकि लखनऊ के डीएम (Lucknow DM) ने कार्यक्रम को लेकर जांच के आदेश दे दिए है।
ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि सपा के इस कार्यक्रम में कोरोना नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ती नजर आई। कई लोग बिना मास्क के थे। तो वहीं सोशल डिस्टेंसिंग का तो दूर दूर तक पालन नहीं किया गया। कार्यक्रम में बहुत बड़ी संख्या में भीड़ मौजूद थीं। जबकि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते चुनाव आयोग ने पहले ही 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैली, रोड शो पर पूरी तरह से रोक लगा रखी है। आयोग ने चुनाव की तारीखों की घोषणा करते हुए साफ तौर पर कहा था कि 15 जनवरी तक सभी पार्टियों को केवल वर्चुअल कार्यक्रम करने की ही इजाजत होगी। इसके बावजूद समाजवादी पार्टी के इस कार्यक्रम में इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ी। सपा ने इसे वर्चुअल रैली का नाम दिया था, लेकिन यहां बहुत बड़ी संख्या में भीड़ नजर आई।
लखनऊ के जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश का इस पर कहना है कि समाजवादी पार्टी का कार्यक्रम बिना अनुमति हो रहा है। सूचना मिलने पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस टीम को सपा दफ्तर भेजा गया है। रिपोर्ट के आधार पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।
वैसे इस कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की गाइडलाइन का पालन करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि किसी ने ये नहीं सोचा था कि ऐसे चुनाव होगा। अब हमें डिजिटल प्लेटफॉर्म से अपनी बात कहनी है। ये बात सही है कि हम वर्चुअल और डिजिटल में भी चीजों को जानते हैं, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं की जो ताकत फिजिकली है, उसका कोई मुकाबला नहीं कर सकता। किसी ने नहीं सोचा था कि ऐसी पाबंदी लग जाएगी। हम लोग चुनाव आयोग की गाइडलाइंस का पालन करेंगे।