लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दलों की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। फिलहाल, लोकसभा चुनाव की तारीखें अभी घोषित नहीं हुई हैं लेकिन, मौजूदा बीजेपी सरकार और विपक्षी दलों ने अपनी तरफ से चुनाव प्रचार को लेकर कोई कमी नहीं छोड़ी है। राजनीतिक दल ऑनलाइन विज्ञापन पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं। मेटा और गूगल के मुताबिक पिछले तीन महीनों में भारत में राजनीतिक विज्ञापन खर्च 102.7 करोड़ रुपये के करीब है।
नवंबर में, शीर्ष 20 राजनीतिक विज्ञापनदाताओं ने मेटा के प्लेटफ़ॉर्म पर ₹5.98 करोड़ में 7,901 विज्ञापन चलाए, जबकि इसी अवधि के दौरान Google विज्ञापन ने ₹36.31 करोड़ में 15,405 राजनीतिक विज्ञापन चलाए।
ग्रुप एम साउथ एशिया के सीईओ प्रशांत कुमार के मुताबिक, लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दल चुनाव प्रचार पर 1500 से 2000 करोड़ रुपये तक खर्च कर सकते हैं। इसके आगे, उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि राजनीतिक दल अपने चुनाव अभियान निधि का 45% अन्य तंत्रों को और अपने बजट का 55% डिजिटल मीडिया और विज्ञापन को आवंटित करेंगे। क्रेयॉन्स एडवरटाइजिंग के अध्यक्ष कुणाल लालानी ने कहा, “मुझे लगता है कि 2024 के लोकसभा चुनावों के प्रचार पर खर्च की गई राशि 2019 के चुनावों से कहीं अधिक होगी।”
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बीजेपी का ऑनलाइन विज्ञापन खर्च
आईटी दिग्गज द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 5 दिसंबर से 3 मार्च के बीच ऑनलाइन विज्ञापनों पर 37 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किए, जो कि उसके प्राथमिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस से 300 गुना अधिक है। इंडिया टुडे की ओपन-सोर्स इंटेलिजेंस (OSINT) टीम द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) और इसकी विभिन्न इकाइयों ने ऑनलाइन कंटेंट मार्केटिंग पर मुश्किल से 12.2 लाख रुपये खर्च किए।
कोंग्रेस का ऑनलाइन विज्ञापन खर्च
कांग्रेस ने पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के फेसबुक पोस्ट को बढ़ावा देने के लिए इस अवधि के दौरान Google और मेटा प्लेटफॉर्म पर अपने कुल ऑनलाइन विज्ञापन खर्च का 5.7 लाख रुपये का भुगतान किया। राहुल गांधी फिलहाल अपनी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को लेकर पूरे भारत में प्रचार कर रहे हैं।
अन्य दलों के ऑनलाइन विज्ञापनों पर खर्च
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी 4 करोड़ रुपये के साथ भारत के राजनीतिक विज्ञापन खर्च में दूसरे स्थान पर है। वहीं, ओडिशा की बीजू जनता दल (बीजेडी) 51 लाख रुपये के साथ राजनीतिक विज्ञापन खर्च में तीसरे स्थान पर है। इसके बाद, तेलुगु देशम पार्टी ने 39.5 लाख रुपये और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 27 लाख रुपये खर्च किए। YSRC के हिस्से में इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (I-PAC) द्वारा उसकी ओर से भुगतान किए गए विज्ञापन शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने ऑनलाइन विज्ञापन में मात्र 250 रुपये खर्च किए हैं।
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