उत्तर प्रदेश चुनाव (Uttar Pradesh Election) की तारीखों की ऐलान के बाद अब राजनीतिक पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग (Seat Sharing in Uttar Pradesh) के लिए खींचतान जारी है। टिकटों के बंटवारा (UP Election Ticket) को लेकर काफी विवाद भी हो रहा है। जहां एक ओर टिकट पाने वाले नेता खुश हैं, तो वहीं वो नेता मायूस भी हो रहे हैं, जिनको टिकट नहीं मिल रहा या फिर जिनका टिकट पार्टियां द्वारा काटा जा रहा है। कुछ पार्टियों के हाल तो ऐसे हैं, जिन पर एक अनार, सौ बीमार वाली कहावत एकदम सटीक बैठती है।
मुजफ्फरनगर के एक कांग्रेस नेता का भी ऐसा ही हाल है। जब प्रियंका गांधी ने भी एक नारा दिया था कि लड़की हूं, लड़ सकती हूं उस वक्त कांग्रेस नेता मेराज को भी काफी उम्मीद जगी थी। लेकिन जब इनकी टिकट कटी, तो वो अपने आंसू नहीं रोक पाईं और कैमरे के आगे हीं फूट-फूटकर रो पडीं।
टिकट ना मिलने से बुलंदशहर से भी एक तस्वीर सामने आई। यहां पर भी कांग्रेस की एक महिला नेतीलिस्ट में नाम न आने से फूट-फूटकर रो पड़ी। इसना नाम गीता रानी शर्मा है।
सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही नहीं बल्कि दूसरी पार्टियों के प्रत्याशियों भी ऐसा ही हाल है। समाजवादी पार्टी के एक नेता ने टिकट कटने पर सोशल मीडिया पर रो-रोकर अपना दर्द बयां किया।
बीजेपी के नेताओं का भी दर्द ऐसे ही झलक रहा है। बीजेपी के एक नेता हैं एस के शर्मा है। मथुरा की मांट सीट से बीजेपी विधायक एस के शर्मा का जब पार्टी ने टिकट काटा, तो उनका भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया। सपा-बीजेपी के साथ ही BSP के नेता अरशद राणा को टिकट ना मिलने पर रो पड़े।
लोकतंत्र की लड़ाई जारी है और चुनावों में हर किसी की कुछ महात्वाकांक्षाएं होती हैं। कई नेता ऐसे होते हैं, जो टिकट मिलने से पहले ही प्रचार शुरू कर देते हैं। वो खुद को अघोषित प्रत्याशी मान लेते हैं, लेकिन जब उनको टिकट नहीं मिलता, तो आंसू छलक आते हैं।