अगर बिहार के मुख्यमंत्री और RJD सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) पर चारा घोटाले के आरोप नहीं लगते तो शायद लालू यादव का राजनीतिक करियर और भी ज्यादा बुलंदियां छूता, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण ऐसा नहीं हो सका। इस चारा घोटाले के कारण ही लालू यादव (Lalu Yadav) को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी भी गवांनी पड़ी थी। लेकिन लालू यादव राजनीति के वो मंझे हुए खिलाडी हैं, जिन्होनें भले ही अपनी मुख्यमंत्री पद से त्याग दे दिया। लेकिन अपनी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) को 25 July, 1997 को मुख्यमंत्री (CM) बना दिया। लालू यादव के इस चमत्कारी फैसले ने सभी को हैरान कर दिया और इसी के साथ बिहार को राबड़ी देवी के रूप मेंअपनी पहली महिला मुख्यमंत्री मिल गई। बता दें , राजनीति के बड़े-बड़े दिग्गज लालू का ये फैसला समझ नहीं पाएं थे।
लालू के जेल जाने की वजह से राबड़ी बनी मुख्यमंत्री
1995 के विधानसभा चुनाव में जनता दल को जीत मिली और लालू यादव बिहार के मुख्यमंत्री बने। उसके बाद लालू यादव (Lalu Yadav) ने अपने दम पर 5 जुलाई , 1997 में अपनी राजनीति पार्टी RJD का गठन किया। लेकिन 1997 में जब लालू यादव का नाम चारा घोटाले में आया और उनके नाम का अरेस्ट वॉरेंट जारी हो गया। जिसके बाद जनता दल में ही उनके खिलाफ आवाज उठने लगी। इतना कुछ होने के बाद लालू यादव ने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री पद की कमान सौंप दी और वो खुद जेल चले गए। भले ही लालू यादव जेल में थे। लेकिन बिहार की सत्ता की चाभी लालू यादव के पास ही थी। तभी तो लालू के एक इशारे पर पार्टी के नेता राबड़ी देवी के फैसलों को अंतिम फैसला मानने लगे थे।
विपक्ष तमाम कोशिशों के बावजूद कुछ बेबस नजर आ रहा था। बता दें , राबड़ी देवी के बिहार के मुख्यमंत्री (CM) बनने के सियासी प्रक्रम को देश की राजनीति के महत्वपूर्ण अध्यायों में शामिल किया जाता है। मुख्यमंत्री बनने से पहले राबड़ी देवी के पास सिर्फ अपने परिवार की जिम्मेदारी हुआ करती थी। रसोईघर ही उनका दफ्तर हुआ करता था और उनकी जवाबदेही भी सिर्फ लालू यादव (Lalu Yadav) और अपने परिवार तक सीमित थी। लालू यादव ने 1 जून, 1973 को अपने से 11 साल छोटी राबड़ी देवी (Rabri Devi) से शादी की थी। लालू यादव को 7 बेटियां और दो बेटे हैं।