शराब घोटाला मामले में निचली अदालत ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तुरंत स्टे ले लिया। अगले ही दिन सीबीआई ने उन्हें आरोपी बना दिया और आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। ईडी की इस कार्रवाई के बाद AAP पार्टी बीजेपी पर हमलावर है। ये तो हुई केजरीवाल की बात लेकिन केजरीवाल की तरह ही एक और सीएम हैं जिन्हें अभी तक कोर्ट से राहत नहीं मिली है और वो पिछले पांच महीने से जेल में हैं। उनकी गिरफ्तारी को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। यहां तक कि उन पर लगे आरोप भी अभी तक कोर्ट में साबित नहीं हो पाए हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन की। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।
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केजरीवाल के बाद सोरेन की बारी
दिल्ली शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगे हैं। ईडी ने उन्हें मुख्य साजिशकर्ता तक कह दिया है। यहां तक कहा है कि पूरा घोटाला उनकी सहमति से और उनकी निगरानी में हुआ। इसके बावजूद उन्हें दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई। कोर्ट ने ईडी की सभी दलीलों को खारिज करते हुए केजरीवाल को जमानत देने का फैसला सुनाया। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इसी तरह के एक मामले में जेल में हैं। ईडी ने पाया कि सोरेन ने कुछ जमीनों पर अवैध कब्जा कर रखा है। उनके घर पर छापेमारी के दौरान एक कमरे से 36 लाख से ज्यादा कैश और जमीन के कागजात मिले थे।
हेमंत सोरेन जी, पर बिना आरोप साबित हुए 5 महीने से उन्हें जेल में बंद कर रखा है। ईडी अभी तक जमीन गड़बड़ी के सबूत नहीं जुटा पाई है। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट बेल नहीं दे रहे है। सोचिए एक आदिवासी सीएम के साथ सिस्टम में ये सब हो रहा है तो आम आदिवासी के साथ क्या क्या नहीं हो सकता हैं? pic.twitter.com/r87h5E6pxK
— Hansraj Meena (@HansrajMeena) June 24, 2024
ईडी ने कहा कि 8.5 एकड़ जमीन अपराध की आय का हिस्सा थी। सोरेन व्यक्तिगत रूप से इन जमीनों के अधिग्रहण और कब्जे के साथ-साथ आपराधिक लाभ के संग्रह में शामिल हैं। इसके बाद, सोरेन को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
केजरीवाल की जमानत ने हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी पर खड़े किए सवाल
केजरीवाल को जमानत मिली तो लोगों ने सवाल पूछना शुरू कर दिया कि जब केजरीवाल को भ्रष्टाचार के मामले में जमानत मिल सकती है तो हेमंत सोरेन को क्यों नहीं? सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ज्यादातर लोगों ने सवाल पूछा कि अगर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल सकती है तो झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन को क्यों नहीं? क्योंकि वह आदिवासी नेता हैं?
अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन दोनों एक ही जैसे आरोपों में जेल में बंद है I
जब अरविंद केजरीवाल को जमानत मिल सकती है तो फिर आदिवासी नेता हेमंत सोरेन को क्यों नहीं?
क्या न्याय जाति देखकर होता है ?#HemantSoren #ArvindKejriwal#हेमंत_सोरेन_को_रिहा_करो pic.twitter.com/qZKlqLZlsL— Manraj Meena (@ManrajM7) June 20, 2024
कुछ लोगों ने इसे जाति से जोड़ दिया। उन्होंने लिखा, केजरीवाल को दो महीने में दो बार जमानत मिल गई। अगर हेमंत सोरेन की जाति के लोग न्यायपालिका, मीडिया, नौकरशाही में अधिक और उच्च पदों पर होते, तो उन्हें भी केजरीवाल की तरह जमानत मिल जाती। किसी ने लिखा, सिर्फ केजरीवाल को ही यह छूट क्यों मिली, हेमंत सोरेन को क्यों नहीं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी तस्वीरें और फोटो शेयर कीं। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट के स्टे के फैसले के बाद हर कोई ईडी पर हमला करता नजर आया। ज्यादातर यूजर्स ने कहा कि ईडी किसी भी तरह से केजरीवाल और हेमंत सोरेन को बाहर नहीं आने देना चाहती।
आपको बता दें कि जमीन घोटाले के आरोप में हेमंत सोरेन 31 जनवरी से जेल में हैं। ईडी ने जांच पूरी करते हुए 30 मार्च को हेमंत सोरेन समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। इसके अलावा जेएमएम नेता अंतु तिर्की समेत 10 आरोपियों के खिलाफ हाल ही में कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट भी दाखिल की गई है।