भारतीय जनता पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव (BJP President Election) के लिए चुनाव समिति का गठन किया है। यह समिति राष्ट्रीय स्तर पर संगठनात्मक चुनाव कराएगी। इसी सिलसिले में मौजूदा भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) ने के. लक्ष्मण (K. Laxman) को राष्ट्रीय चुनाव अधिकारी नियुक्त किया है। उनके साथ नरेश बंसल (Naresh Bansal), रेखा वर्मा (Rekha Verma) और संबित पात्रा (Sambit Patra) राष्ट्रीय सह चुनाव अधिकारी होंगे। यह समिति संगठन के चुनाव कराएगी। चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति के बाद जल्द ही संगठनात्मक चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जाएगा।
जेपी नड्डा का कार्यकाल और BJP की रणनीति- JP Nadda’s tenure vs BJP’s strategy
जेपी नड्डा को 2020 में पार्टी अध्यक्ष बनाया गया था और तब से उन्होंने कई अहम चुनावों में पार्टी का नेतृत्व किया है। उनके नेतृत्व में पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव, असम विधानसभा चुनाव, उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे अहम चुनाव लड़े हैं। उनका कार्यकाल सफल माना गया है। फिलहाल जेपी नड्डा का कार्यकाल खत्म हो चुका है। लेकिन, बीजेपी संसदीय बोर्ड ने उन्हें अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक इस पद पर बने रहने के लिए एक्सटेंशन दिया है। बीजेपी संविधान के मुताबिक, नए अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए एक बड़ी प्रक्रिया होती है। इसके तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति से पहले संगठन का चुनाव पूरा करना होता है।
कैसे चुना जाता है BJP का अध्यक्ष? (BJP President Appointment Process)
भाजपा में अध्यक्ष का चुनाव एक खास प्रक्रिया के तहत होता है। सबसे पहले पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होती है, जिसमें कार्यकाल खत्म होने वाले अध्यक्ष के उत्तराधिकारी के चुनाव की तैयारियां शुरू की जाती हैं। इसी बैठक में नामांकन प्रक्रिया पूरी होती है और फिर सभी राज्यों के प्रतिनिधि मतदान करते हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी चुनाव में अपनी भूमिका निभाते हैं।
चुनाव अधिकारी करते हैं तारीखों की घोषणा
चुनाव अधिकारी चुनाव की तिथियों की घोषणा करते हैं। चुनाव अधिकारियों द्वारा घोषित तिथियों पर बूथ, मंडल, जिला और प्रदेश स्तर पर अध्यक्ष के चुनाव होते हैं। इस दौरान जिला अध्यक्ष के चुनाव के साथ-साथ प्रदेश परिषद सदस्य का भी चुनाव होता है। प्रदेश परिषद सदस्य के बाद प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों का चुनाव होना है।
राष्ट्रीय परिषद के सदस्य चुनते हैं राष्ट्रीय अध्यक्ष
प्रत्येक राज्य के अध्यक्ष का चुनाव राज्य परिषद के सदस्य करते हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राष्ट्रीय परिषद के सदस्य करते हैं। इस प्रक्रिया को पूरा होने में लगभग दो महीने लगेंगे। सूत्रों की मानें तो यह प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम सामने आएगा। सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा के बाद जनवरी में राष्ट्रीय परिषद की बैठक हो सकती है। इसमें अध्यक्ष का नाम स्वीकार किया जाएगा। बहरहाल, आम तौर पर अध्यक्ष का चुनाव सर्वसम्मति से होता है और पार्टी की आंतरिक सहमति तय करती है कि अगला अध्यक्ष कौन होगा। इस बार भी ऐसा ही होने की संभावना है।
जनवरी में हो सकता है चुनाव
सूत्रों की मानें तो, जनवरी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होने की उम्मीद है। झारखंड, महाराष्ट्र, हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में चुनाव होने वाले चार राज्यों में सदस्यता अभियान बाद में शुरू होगा। इसके चलते यहां संगठनात्मक चुनाव बाद में शुरू होंगे। इन चार राज्यों को छोड़कर भाजपा ने 10 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 25 सितंबर तक वह पहले चरण में सिर्फ छह करोड़ सदस्य ही बना पाई।
कौन संभालेगा कमान
फिलहाल इस बारे में भाजपा की ओर से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम भी इस दौड़ में शामिल माना जा रहा है। हालांकि, उन्होंने इन खबरों का खंडन किया है। फडणवीस परिवार की पीएम मोदी से मुलाकात के बाद चर्चाएं तेज हो गई हैं। महाराष्ट्र में नवंबर में विधानसभा चुनाव भी होने हैं।