चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ़ “रावण” आज राजनीति में एक अलग मुकाम पर पहुंच चुके हैं। नगीना सीट से जीतकर आज़ाद ने अपनी अलग पहचान बनाई है। लेकिन समय-समय पर चंद्रशेखर आज़ाद की फंडिंग को लेकर अलग-अलग आरोप सामने आते रहते हैं, खासकर उनकी राजनीतिक पार्टी आज़ाद समाज पार्टी (ASP) के वित्तीय स्रोतों पर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि, ये आरोप मुख्य रूप से विरोधियों और आलोचकों द्वारा लगाए जाते हैं, जिनका दावा है कि पार्टी की फंडिंग पारदर्शी नहीं है या इसे अज्ञात स्रोतों से प्राप्त किया जा रहा है। चंद्रशेखर आज़ाद और उनकी पार्टी ने इन आरोपों का खंडन किया है और कई बार स्पष्ट किया है कि पार्टी की फंडिंग पूरी तरह से पारदर्शी और वैध स्रोतों से आती है। आइए जानते हैं कि चंद्रशेखर और उनकी पार्टी पर किस तरह के आरोप लगे हैं।
2020 में स्थापित की गई थी पार्टी
आज़ाद समाज पार्टी (ASP), जिसे भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद द्वारा 2020 में स्थापित किया गया था, एक दलित-आधारित राजनीतिक पार्टी है, जो सामाजिक न्याय, दलितों, पिछड़ों, और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम करती है। वहीं, फंडिंग को लेकर भी यह पार्टी अक्सर सवालों से घिरी रहती है।
1. अज्ञात स्रोतों से धन प्राप्त करने के आरोप:
चंद्रशेखर आज़ाद और उनकी पार्टी पर कुछ अज्ञात और अवैध स्रोतों से धन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया है। आलोचकों का कहना है कि एएसपी जैसी नई पार्टी के पास चुनाव लड़ने और बड़े आयोजन करने के लिए पर्याप्त धन नहीं हो सकता है जब तक कि उसे कुछ छिपे स्रोतों से वित्तीय सहायता न मिल रही हो।
पार्टी ने किया खंडन
चंद्रशेखर आज़ाद ने इन आरोपों का बार-बार खंडन किया है और कहा है कि उनकी पार्टी की फंडिंग पूरी तरह पारदर्शी है और जनता के चंदे पर आधारित है। वे अक्सर कहते हैं कि दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोग छोटे-छोटे योगदान के रूप में पार्टी की मदद करते हैं और यही उनकी पार्टी की असली ताकत है।
2. पार्टी के वित्तीय रिकॉर्ड में पारदर्शिता की कमी:
कुछ लोगों का आरोप है कि आज़ाद समाज पार्टी के वित्तीय अभिलेखों में पारदर्शिता का अभाव है और यह नहीं पता चलता कि पार्टी को धन कहां से मिलता है और उसे कैसे खर्च किया जाता है।
पार्टी ने किया खंडन
चंद्रशेखर आज़ाद और उनकी पार्टी का कहना है कि वे भारत के चुनाव आयोग के सभी नियमों का पालन करते हैं और सभी वित्तीय जानकारी समय-समय पर दर्ज और ऑडिट की जाती है। पार्टी का दावा है कि उनके सभी फंडिंग स्रोत कानूनी और वैध हैं।
3. भीम आर्मी और ASP के बीच फंड ट्रांसफर के आरोप:
आरोप यह भी है कि चंद्रशेखर आज़ाद के सामाजिक संगठन भीम आर्मी और उनकी राजनीतिक पार्टी एएसपी के बीच पैसों का गलत लेन-देन हुआ है। आलोचकों का दावा है कि भीम आर्मी के नाम पर जुटाए गए फंड का इस्तेमाल एएसपी की राजनीतिक गतिविधियों के लिए किया जा रहा है।
पार्टी ने किया खंडन
चंद्रशेखर आज़ाद ने इस आरोप का खंडन करते हुए कहा है कि भीम आर्मी और आज़ाद समाज पार्टी दो अलग-अलग संगठन हैं और उनके फंडिंग स्रोत भी अलग-अलग हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि भीम आर्मी का उद्देश्य सामाजिक सुधार और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करना है, जबकि एएसपी एक राजनीतिक संगठन है।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों का फंडिंग को लेकर आरोप
चंद्रशेखर आज़ाद की बढ़ती लोकप्रियता और दलित समुदाय के बीच उनके समर्थन ने उन्हें कई राजनीतिक विरोधियों के निशाने पर ला दिया है। कई बार राजनीतिक विरोधियों ने उन पर और उनकी पार्टी पर फंडिंग का आरोप भी लगाया है ताकि उनकी छवि खराब की जा सके।
चंद्रशेखर आज़ाद रावण ने पार्टी फंडिंग के आरोपों को बार-बार नकारा है और अपने समर्थकों को भरोसा दिलाया है कि उनकी पार्टी जनता के योगदान पर आधारित है। आज़ाद समाज पार्टी का कहना है कि वे भारत के चुनाव आयोग के सभी वित्तीय नियमों का पालन करते हैं और उनकी फंडिंग प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी है।
सदस्यों और समर्थकों के योगदान
आज़ाद समाज पार्टी के लिए धन का एक प्रमुख स्रोत इसके सदस्य और समर्थक हैं। दलित समुदाय और अन्य पिछड़े वर्गों के बीच चंद्रशेखर आज़ाद की लोकप्रियता को देखते हुए, समर्थक अक्सर दान के रूप में पार्टी को योगदान देते हैं। यह योगदान छोटे व्यक्तिगत दान के रूप में हो सकता है, जिसका उपयोग पार्टी संचालन और चुनाव अभियानों में किया जाता है।
खबरों की मानें तो, आज़ाद समाज पार्टी के लिए धन का मुख्य स्रोत पार्टी के समर्थक, सदस्यों का योगदान और क्राउडफंडिंग है। जबकि एएसपी जैसी छोटी पार्टी के लिए बड़े कॉर्पोरेट दान या सरकारी अनुदान महत्वपूर्ण नहीं हैं, पार्टी को अपने आदर्शों और चंद्रशेखर आज़ाद की लोकप्रियता के कारण आम लोगों से वित्तीय सहायता मिलती है।
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