जानिए कौन हैं राजस्थान की सबसे युवा सांसद संजना जाटव, करना चाहती थीं सरकारी नौकरी लेकिन बन गईं राजनेता

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18वीं लोकसभा में राजस्थान से सबसे कम उम्र की सांसद बनकर उभरीं 26 वर्षीय संजना जाटव की कहानी वाकई काफी उतार-चढ़ाव भरी है। राजस्थान के कठूमर विधानसभा चुनाव हारने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपना राजनीतिक सफर जारी रखा और आखिरकार राजस्थान की राजनीति में अपनी जगह बना ही ली। संजना को शुरू से ही राजनीति में रुचि थी, जिसके चलते वह पढ़ाई के बाद इसमें सक्रिय हो गईं। आइए आपको बताते हैं कि कौन हैं संजना जाटव।

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कौन है संजना जाटव, कभी करना चाहती थीं सरकारी नौकरी?

संजना जाटव का जन्म 1 मई 1998 को भरतपुर जिले के वैरा विधानसभा क्षेत्र के भुसावर नामक गांव में हुआ था। साधारण दलित परिवार में जन्मी संजना की शादी 12वीं पास करने के बाद साल 2016 में भरतपुर की सीमा से सटे अलवर जिले के समूची गांव में हुई। संजना के पति कैप्टन सिंह पुलिस कांस्टेबल हैं। भरतपुर सीट से निर्वाचित हुईं सांसद संजना जाटव सबसे कम उम्र की सांसद बनने के बाद से ही देशभर में चर्चा में हैं। संजना के पास बीए एलएलबी की डिग्री है।

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ताऊ ससुर से मिला राजनीति का पहला अनुभव

बीबीसी को दिए अपने इंटरव्यू में संजना जाटव कहती हैं, “मेरे पिता ट्रैक्टर चलाते थे। मेरी माँ के परिवार में कोई भी किसी भी स्तर पर राजनीति से जुड़ा नहीं है। लेकिन, जब मैं शादी के बाद ससुराल आई तो मेरे चाचा ससुर सरपंच थे। यहीं से मुझे राजनीति का पहला अनुभव मिला।”

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संजना अलवर जिला परिषद की सदस्य भी रह चुकी हैं और यह उनके राजनीतिक जीवन का पहला कदम था। इसके अलावा वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा और प्रियंका गांधी के ‘लरकी हूं लड़ सकती हूं’ अभियान में भी हिस्सा ले चुकी हैं। यहीं से संजना ने कांग्रेस का भरोसा जीता और इसके बाद कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में अलवर की कठूमर सीट से चार बार के विधायक बाबूलाल बैरवा का टिकट काटकर संजना जाटव पर भरोसा जताया।

हार की वजह से पिता का हुआ देहांत

विधानसभा चुनाव में वह अलवर की कठूमर सीट से मात्र 409 वोटों से चुनाव हार गईं। बीबीसी को दिए इंटरव्यू में वह कहती हैं, “विधानसभा की हार के सदमे से मेरे पिता का देहांत हो गया।” युवा सांसद कहती हैं कि भरतपुर की जीत उनके लिए बहुत अहमियत रखती  है।

वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की भाजपा सरकार की उनके गृह जिले भरतपुर में हार पर वह कहती हैं, “मैंने उन्हें नहीं हराया है, जनता ने हराया है। उनके गृह जिले ने ही नहीं, बल्कि उनके अटारी गांव ने भी उन्हें बुरी तरह हराया है। उनके गांव से भी मुझे ज्यादा वोट मिले हैं।”

संजना जाटव को कुल 5,79,890 वोट मिले जबकि बीजेपी प्रत्याशी रामस्वरूप कोली को 5,27,907 वोट मिले। संजना जाटव ने 51,983 वोटों से जीत दर्ज की है।

बात दें, संजना जाटव से पहले सचिन पायलट 26 साल की उम्र में सांसद चुने गए थे और उनके नाम सबसे कम उम्र के सांसद होने का रिकॉर्ड था।

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