गोरखपुर से सीएम योगी आदित्यनाथ के चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद से ही हिन्दू युवा वाहिनी नए तेवर और कलेवर के साथ चुनाव प्रचार के लिए तैयार हो गयी है। घर-घर सम्पर्क इसके साथ ही डिजिटल मीटिंग्स का दौर भी शुरू कर दिया गया है। पूरे क्षेत्र में बूथ स्तर पर पूरा का पूरा अभियान चलाया जा रहा है ताकि संगठन को मजबूती दी जा सके। योगी आदित्यनाथ के 2004, 2009 और 2014 के चलाए गए चुनाव प्रचार अभियान में हिन्दू युवा वाहिनी ने अहम तरीके से काम किया और पूर्वांचल के गांव वाले क्षेत्र में हिन्दुत्व का संदेश लोगों कर पहुंचाया था।
साल 2002 में सांसद रहते हुए योगी आदित्यनाथ ने वाहिनी का गठन किया था। मार्च 2017 में उनके सीएम पर पर बैठने बनने के बाद पिछले पांच साल में वाहिनी ने राजनीतिक गतिविधियों से हटकर सामाजिक कार्यों को करने पर गौर किया। जैसे कि राशन कार्ड बंटना, कोविड-19 की रोकथाम पर लोगों को जागरूक करने का अभियान, इंसेफेलाइटिस उन्मूलन जैसे काम करना। स्थानीय प्रशासन से तालमेल बैठाने के अलावा विकास और कल्याणकारी योजनाओं को आगे बढ़ाने पर भी काम किया।
सीएम योगी के गोरखपुर से चुनाव लड़ने की घोषणा करने के साथ ही वाहिनी सक्रिय हो चुकी है। तीन मार्च को गोरखपुर में छठवें चरण के तहत वोटिंग होगी। हिन्दू युवा वाहिनी ने योगी की जीत तय करने के लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। वाहिनी के महामंत्री पीके मल्ल है जिनके मुताबिक चुनाव आयोग की कोविड गाइडलाइन के हिसाब से फिलहाल घर-घर सम्पर्क, डिजिटल बैठकों और बूथ स्तर पर वर्कर्स से सम्पर्क के जरिए प्रचार अभियान चल रहा है। कार्यकर्ताओं की सीएम योगी के साथ जल्दी ही मीटिंग होगी जिसमें चुनावी रणनीति को आखिरी रूप दे दिया जाएगा।
गोरखपुर के अलावा अन्य कई विधानसभा में बीजेपी उम्मीदवारों की जीत तय हो इसके लिए हिन्दू युवा वाहिनी अपने रोल को निभाएगी। हिन्दू युवा वाहिनी के नेता हैं राघवेन्द्र प्रताप सिंह जिन्होंने 2017 के चुनाव में डुमरियागंज से बीएसपी उम्मीदवार को कांटे की टक्कर देकर मात दी थी। 171 वोटों के अंतर से ये जीत हुई। कई हियुवा नेता 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी से टिकट पाने के इच्छा जाहिर की है।