कांग्रेस (Congress) के पूर्व युवा नेता हार्दिक पटेल(Hardik Patel) 2 जून को अपने 1500 कार्यकर्त्ता के साथ देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी (BJP) का दामन थामने जा रहे है। हार्दिक पटेल ने हाल में कांग्रेस से 18 मई को इस्तीफा दिया है, जिसके बाद से ही ये कयास लगाएं जा रहे थे कि वे BJP में जा सकते है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से तबज्जो ना मिलने के कारण गुजरात के पूर्व कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल(Hardik Patel) पार्टी और राहुल गाँधी से काफी नाराज चल रहे थे और यहीं उनके कांग्रेस छोड़ने की मुख्य वजह बना। वो गुजरात कांग्रेस की लीडरशिप से भी परेशान थे।
पटेल 2019 में कांग्रेस में शामिल हुए थे। उन्हें 11 जुलाई 2020 को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। हालांकि 2022 आते-आते उनका कांग्रेस से मोहभंग हो गया। गुजरात में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उनका यह कदम कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
BJP ज्वाइन करने की हार्दिक ने की पुष्टि
न्यूज एजेंसी(ANI)से बातचीत में हार्दिक पटेल ने 2 जून को भाजपा में शामिल होने की पुष्टि की है। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल मौजूद होंगे और उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाएंगे। हार्दिक पटेल के भाजपा में शामिल होने के आयोजन को भाजपा ग्रैंड इवेंट में तब्दील करना चाहती है।
पाटीदारों को लुभाने का BJP का मास्टर स्ट्रोक
कहा जा रहा है कि हार्दिक पटेल के साथ ही 15,000 अन्य लोग BJP में शामिल होंगे। हार्दिक का BJP में शामिल होना पाटीदार राजनीति के लिए अहम माना जा रहा है। गुजरात में 2015 में हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन का हार्दिक पटेल प्रमुख चेहरा थे। कांग्रेस में उनकी एंट्री के बाद पार्टी मान रही थी कि उसे पाटीदार समाज का समर्थन मिलेगा, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन के बाद भी वह सत्ता से दूर रह गई थी।
हार्दिक के राम मंदिर और CAA पर सुर बदले
हार्दिक का रवैया इनदिनों BJP के प्रति नरम दिख रहा है क्योंकि कांग्रेस छोड़ने के बाद हार्दिक पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर BJP के राम मंदिर, CAA, NRC के फैसले की तारीफ की थी। इस बारे में उनका कहना था कि युवा देश के लिए सक्षम और मजबूत नेतृत्व चाहते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि कांग्रेस का एक ही काम है- केंद्र सरकार का विरोध करना। देश अयोध्या में राम मंदिर, 370, CAA, NRC और GST जैसे फैसले चाहता है, जबकि कांग्रेस केवल बाधाएं खड़ी करती है। कांग्रेस पर गुस्सा इसलिए आता है, क्योंकि यहां अक्सर धर्म की अनदेखी की जाती है।
राहुल गांधी पर बरसे थे, हार्दिक
हार्दिक ने कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ही राहुल गांधी पर जम कर बरसे थे। उन्होनें राहुल पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि ”एक महीने से राहुल गांधी को इस बात की जानकारी थी कि मैं परेशान हैं और मुझे पार्टी की लीडरशिप परेशान कर रही है। जब कई सालों के बाद राहुल गांधी दाहोद में रैली करने के लिए 6 घंटे का दौरा करते हैं तो क्या हम जैसे नौजवानों को जिन्हें स्टेट लीडरशिप सौंपी जानी है, राहुल गांधी क्या 5 मिनट के लिए नहीं मिल सकते थे। क्या वो 5 मिनट मिलकर ये नहीं बोल सकते थे कि हार्दिक तेरी परेशानी मैं समझ सकता हूं ये लीडरशिप तुझे परेशान कर सकती है। राहुल गांधी मुझसे क्या ऐसा नहीं बोल सकते थे कि हार्दिक एक महीने और संभाल ले, मैं तेरे पीछे खड़ा हूं।”