Gulfam Singh Yadav Murder: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में बीजेपी नेता गुलफाम सिंह यादव की हत्या का मामला अब पूरी तरह से उजागर हो चुका है। थाना जुनावई क्षेत्र में हुई इस वारदात के पीछे राजनीतिक रंजिश और ब्लॉक प्रमुखी चुनाव को लेकर चल रहे विवाद को प्रमुख कारण बताया जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता महेश यादव सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आइए जानते हैं कि किस प्रकार साजिश रचकर गुलफाम यादव की हत्या की गई और इसके पीछे की पूरी कहानी।
ब्लॉक प्रमुखी विवाद से शुरू हुआ राजनीतिक रंजिश- Gulfam Singh Yadav Murder
संभल पुलिस के अनुसार, गुलफाम यादव और महेश यादव के बीच ब्लॉक प्रमुखी को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था। महेश यादव ने अपने बेटे के खिलाफ लाए जा रहे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर गुलफाम को रास्ते से हटाने की योजना बनाई। महेश ने यह कदम उठाया क्योंकि उसे लगा कि गुलफाम उसकी राजनीति के लिए खतरे का कारण बन सकते थे।
थाना जुनावई पुलिस द्वारा हत्या की घटना के सफल अनावरण किये जाने व 06 अभियुक्तों की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में #SPSambhal @Krishan_IPS की बाइट। Part 1.#UPPolice #GoodWorkUPP https://t.co/PEJYWbhcVU pic.twitter.com/XFoldbNXCD
— SAMBHAL POLICE (@sambhalpolice) March 25, 2025
महेश ने 19 नवंबर 2024 को बरेली जेल में सजा काट रहे अपराधी धर्मवीर उर्फ धम्मा से मुलाकात की और उसे गुलफाम को मारने का प्रस्ताव दिया। बदले में महेश ने धर्मवीर से वादा किया कि वह उसकी जमानत और अपील का पूरा खर्च उठाएगा। धर्मवीर ने महेश के प्रस्ताव को स्वीकार किया, और फिर 35 हजार रुपये की राशि से उसकी जमानत कराई गई। इसके बाद, धर्मवीर को जेल से बाहर लाने के लिए ट्रैक्टर भी 1 लाख रुपये देकर छुड़वाया गया।
हत्या की योजना और साजिश का अंजाम
महेश यादव की योजना के अनुसार, गुलफाम की हत्या को एक सामान्य मौत के रूप में दिखाने के लिए विशेष प्रकार के केमिकल युक्त इंजेक्शन का उपयोग किया गया। इसके लिए साजिश को और पुख्ता बनाने के लिए पहले गुलफाम की रेकी की गई। धर्मवीर ने गुलफाम से नजदीकी बढ़ाई और उसके साथ समय बिताना शुरू किया।
10 मार्च को घटना के दिन, धर्मवीर पहले से ही गुलफाम के पास मौजूद था, जबकि मुकेश और नेमपाल बाइक से वहां पहुंचे। महेश कुछ दूरी पर खड़ा होकर पूरी घटना पर निगरानी रख रहा था। इस पूरी साजिश के तहत धर्मवीर और नेमपाल ने गुलफाम सिंह को घेर लिया और उसे जहरीला इंजेक्शन लगा दिया। इस वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी बाइक से फरार हो गए।
पुलिस ने खुलासा किया हत्या का राज
25 मार्च को पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा कर दिया। सीसीटीवी फुटेज, सर्विलांस डेटा और मुखबिरों की सूचना के आधार पर पुलिस ने जांच-पड़ताल की और संदिग्धों की पहचान की। पूछताछ में आरोपियों ने अपनी संलिप्तता कबूल की और हत्या की साजिश के बारे में पूरी जानकारी दी। मृतक के बेटे ने भी इन्हीं आरोपियों पर शक जाहिर किया था, जिसके बाद ये सभी पुलिस की रडार पर थे।
पूछताछ में आरोपी महेश यादव ने स्वीकार किया कि उसने ब्लॉक प्रमुखी विवाद के कारण गुलफाम की हत्या की साजिश रची थी।